परोपकार ही मानव जीवन की सफलता का प्रतीक है!



परोपकार ही मानव जीवन की सफलता का प्रतीक है! प्रदीप चौधरी! ऐक भेंट वार्ता के दौरान जनकल्याण सेवा ट्रस्ट हरिव्दार उत्तराखंड के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप चौधरी ने वी ऐस इंडिया न्यूज लाइव परिवार दैनिक/साप्ताहिक विचारसूचक समाचार पत्र स. सम्पादक शिवाकान्त पाठक को बताया कि स्वार्थ-निरपेक्ष रहकर दूसरों के हितार्थ कार्य करना परहित है. पर पीड़ाहरण परहित है. पारस्परिक विरोध की भावना घटना और प्रेम भाव बढ़ाना परहित है. दिन, दुखी, दुर्बल की सहायता परहित है. आवश्यकता पड़ने पर निस्वार्थ भाव से दूसरों को सहयोग देना परहित है. मन, वचन और कर्म से समाज का मंगल साधन परहित है.‘परहित सरिस धर्म नहीं’ का अर्थ हुआ – परहित ही इस लोक में सर्व-सुख तथा सर्व उन्नति का कारण है और मृत्यु होने पर आवागमन से छुटकारा प्राप्त करने का साधन है.परहित से व्यक्ति में सक्रिय शारीरिक शक्ति बनी रहती है. शरीर बलवान होकर अपराजेयता को प्राप्त होता है. सहनशील होने से वह अशांत नहीं होता. धैर्य उसे विचलित नहीं होने देता. बल उसमें कुछ कर सकने का सामर्थ्य उत्पन्न करता है. अपना वचन पूरा करने से उसमें आत्मविश्वास जागृत होता है.हमारी ट्रस्ट द्वारा सदैव परोपकारिता से संबंधित कार्य किये जाते हैं गरीबों को भोजन व्यवस्था गरीब बच्चों को शिक्षा गरीब कन्याओ की शादिया आदि हमारा प्रमुख लक्ष है!

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