धार्मिक अति प्राचीन स्थलों के साथ खिलवाड़,,,दिल्ली में केदार नाथ धाम बन सकता है,तो निधि वन, रामेश्वरम आदि क्यों नहीं,,?
स.संपादक शिवाकांत पाठक।
भारतीय इतिहास प्राचीन धार्मिक भावनाओं के साथ साथ ऐसे ऐसे धर्मिक स्थलों से जुड़ा है जिसकी सच्चाई के आगे वैज्ञानिक भी नतमस्तक हैं,, उस भारत की बात मैं कर रहा हूं जहां युग परिवर्तन के साथ साथ ईश्वर स्वयं अंशावतारों के रुप में धर्म की स्थापना हेतु अवतरित हुए जिसके अनगिनित उदाहरण आज तीर्थो के रुप में देखने को मिलते हैं, यहां एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि ईश्वर इस धरा पर अवतरित होने के लिए पहले स्थान को चयन करता है वह भी वह स्थान जहां गंगा जैसी पवित्र नदियां हिम खंडों से निकल कर मधुर संगीत के साथ प्रथ्वी के कोने को पवित्र करती हैं,, जहां इंसान ही नहीं वल्कि जानवरो को भी मां कहकर पुकारा जाता है,, वृक्षों की पूजा होती है,, माता पिता को भगवान माना जाता है, जहां की संस्कृति सभ्यता में निहित स्वार्थ के परित्याग की झलक देखने को मिलती है क्यों कि जहां पर धार्मिक ग्रंथों में ईश्वर से केवल एक ही याचना की जाती है,,, सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे संतु नीर: माय: ,,, सभी सुखी हों सभी निरोग हों ऐसी वशुंधरा ( प्रथ्वी ) पर ब्रम्हांड के अधिष्ठाता ईश्वर का अवतार होता है,, तो फिर अन्य स्थानों पर उस ईश्वर द्वारा चयन किए गए तीर्थो की स्थापना करना क्या भारतीय संस्कृति और सभ्यता का मजाक नहीं है,,, तुम्हारा स्वयं का क्या मानना है, क्या अभी हाल ही में जो भी किया गया वह सही है,, यदि नहीं है तो फिर आपका मौन क्या सिद्ध करता है,,,????
ऐसा नहीं है कि इस बात का विरोध नहीं हुआ है,, जिनकी रगों में भारतीय संस्कृति सभ्यता धार्मिकता का संचार होता है उन्होने विरोध किया यह और बात है कि उस विरोध की नजर अंदाज कर दिया गया,, परंतु यह मामला किसी व्यक्ति विशेष का नहीं अपितु संपूर्ण भारत के आम जन मानस की धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हुआ है इसलिए यह सही है या गलत बुद्धि जीवियों को तो निर्णय लेना ही चाहिए,,,,
विरोध प्रदर्शन,,,,,
दिल्ली के कार्यक्रम में भूमि पूजन और निर्माण का कार्य देख रहा केदारनाथ धाम ट्रस्ट बुराड़ी के अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला ने एक अजीबोगरीब बयान दिया जिस पर विवाद खड़ा हो गया है. उन्होंने कहा कि 'जो बुजुर्ग हैं केदारनाथ धाम नहीं जा पाते हैं वो अब दिल्ली में बाबा के दर्शन कर सकते हैं.' बता दें कि इस मंदिर का मॉडल केदारनाथ मंदिर की तर्ज पर ही बन रहा है.
उत्तराखंड स्थित केदारनाथ धाम
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते बुधवार को दिल्ली स्थित बुराड़ी के हिरंकी में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया. यहां उन्होंने दिल्ली में बन रहे केदारनाथ मंदिर का भूमि-पूजन कर मंदिर का शिलान्यास किया. अब इस पर विवाद शुरू हो गया है.
मंदिर के भूमि-पूजन के दौरान केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राज्यमंत्री अजय टम्टा, महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी जी महाराज, स्वामी राजेंद्रानंद, गोपाल मणि महाराज, अल्मोड़ा सल्ट से विधायक महेश जीना, रानीखेत के विधायक डॉ. प्रमोद नैनवाल, विधायक संदीप झा, केदारनाथ धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला भी मौजूद थे.
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