पहाड़ों के लोग उसूलों पर चलने वाले होते हैं सभी को अपना बना लेते हैं,,,।

स.संपादक शिवाकांत पाठक। ( अन्याय सहना उतना ही अपराध है, जितना कि अन्याय करना ) स.संपादक शिवाकांत पाठक। भगवद गीता में एक श्लोक है जिसका भावार्थ है- अन्याय सहना उतना ही अपराध है, जितना अन्याय करना। अन्याय से लड़ना आपका कर्तव्य है। यही श्लोक आज हमारे संघर्ष का , हमारे फैसले का, हमारे द्वारा उठाए गए कदम का आधार बना है और इस श्लोक ने हमें शक्ति भी दी है। महावीर गुसाईं पर्वतीय बंधु समाज निवर्तमान अध्यक्ष,,,, ने एक मुलाकात के दौरान एक संदेश में कहा कि प्रिय उत्तराखंड वासियों, मेरे एवम दीपक नौटियाल चेयर मैन प्रतिनिधि द्वारा सदैव सामाजिक कार्यों में सहभागिता सुनिश्चित करना, और जन हित के लिए हमेशा आगे खड़े रहना हमारे खून में है और साथ ही पहाड़ों से हमको ये विरासत में मिला है। यह जज्बा हमको सनातन संस्कृति और उस शिव भूमि ने दिया है जिसमें हम पैदा हुए हैं। प्रथक उत्तराखंड के लिए जंग लड़ने वाले पूरा जीवन सच्चाई के रास्ते पर चलते रहे। स्वाभिमान का झंडा उन्होंने हमेशा बुलंद रखा। हमारे प्रदेश को लेकर बलिदान की भावना उनके साथ चट्टान की तरह खड़ी रहती...