!!देश के खातिर उठी तलवार है ये बंदना !!
देश के खातिर उठी तलवार है ये बंदना !
हार में भी जीत का आधार है ये बंदना!!
सिंह जैसी शक्ति की हुंकार है ये बंदना!
आओ हम सब भी करें अब बंदना की बंदना!!
हर कठिन संघर्ष की ज्वाला में वो चलती रही!
फूल की परवाह न कर शूल में पलती रही!!
वक्त आने पर किया तूफ़ान का भी सामना!
देश का हो नाम मन में बस यही थी कामना!!
देश के सम्मान में ललकार है ये बंदना!
देश के खातिर उठी तलवार है ये बंदना!!
बंदना तुम प्रेरणा बनकर जगत में छा गई !
हार में तुम जीत का तूफान बन कर आ गई!!
क्या लिखूं अब लेखनी से शब्द भी सकुचा गए!
आज स्वागत में खुशी के गीत लेकर आ गए!!
नारियों की शक्ति का अधिकार है ये बंदना!
देश के खातिर उठी तलवार है ये बंदना!!
देश का गौरशाली इतिहास रचने वाली साहसी बेटी बंदना कटारिया के सम्मान में समर्पित स्व रचित कविता🙏
रचना= स. संपादक शिवाकांत पाठक वी एस इन्डिया न्यूज चैनल दैनिक साप्ताहिक विचार सूचक समाचार पत्र परिवार हरिद्वार उत्तराखंड mob 9897145867🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏
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