गैस सिलेंडर लेकर जब आता है तो तत्काल आप सिलेंडर की तौल कांटे से करा लें। हरिद्वार,!
स संपादक शिवाकांत पाठक,,
रिपोर्ट महावीर गुसाई,,
यदि वह तौल करने से इनकार करता है या कांटा लेकर नहीं आया है तो इसके बारे में तुरंत डीलर को बताएं। तौल में वजन कम निकलता है तो नाप-तौल विभाग में इसकी शिकायतें करें। यह छोटी सी पहल हर माह आपके कुछ रुपए बचा सकती है।
समय पर सिलेंडर पाने की खुशी हो या फिर समय का अभाव या महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा, उपभोक्ता बगैर तौल कराएं ही हॉकर से सिलेंडर ले लेते हैं। वैसे तो हर माह एक सिलेंडर गैस की खपत हो जाती है लेकिन कई बार जब गैस कम दिनों में खत्म हो जाती है तो उपभोक्ता को ठगे जाने का अहसास होता है। वे या तो शिकायत नहीं करते और यदि करते हैं तो उनकी सुनी नहीं जाती। कई बार इच्छा के बावजूद नाप तौल विभाग का दफ्तर व टेलीफोन नंबर पता न होना, उपभोक्ता को शिकायत करने से रोकता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद उपभोक्ता ठगे जा रहे हैं। सिलेंडर में कम गैस मिलना एक आम बात है लेकिन डीलर भी इस ओर ध्यान नहीं देते और उपभोक्ता भी अपने अधिकारों के प्रति सजग नहीं है। हॉकर भी कांटा लेकर जाना जरूरी नहीं समझते पूछने पर कहते हैं...कोई तौल नहीं करवाता। इधर कुछ उपभोक्ता सिलेंडर तौल कराना चाहते हैं लेकिन हॉकर उन्हें अगले माह तौल करने की बात कहकर गुमराह करता है, और अगले माह हॉकर ही बदल जाता है।
ऐसे जाने सिलेंडर का वजन
गैस सिलेंडर में भरी हुई गैस की मात्रा 14 किलो 200 ग्राम होना चाहिए। खाली सिलेंडर का वजन 15 किलो से साढ़े 16 किलो तक होता है। हर सिलेंडर के ऊपर हिस्से पर वजन लिखा होता है। खाली सिलेंडर का वजन 16 किलो हुआ तो आपके भरे हुए सिलेंडर का वजन 30 किलो 200 ग्राम होगा। सिलेंडर का वजन इससे कम हुआ तो नाप-तौल विभाग में शिकायत करें।
तो यहां करें शिकायत
गैस सिलेंडर में निर्धारित मात्रा से कम गैस पाए जाने पर आप इसकी शिकायत निरीक्षक नाप तौल के मोबाइल नंबर 94252-29563 पर शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा एक सादे कागज पर आवेदन देकर पुराने कंपोजिट बिल्डिंग के पास उपभोक्ता फोरम में शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं।
बच सकते हैं 20-40 रुपए
जानकारों का कहना है कि उपभोक्ता यदि सिलेंडर की तौल कराएंगे तो हर माह 20 से 40 रुपए तक बचाई जा सकती है। घरेलू गैस सिलेंडर का वजन 14.2 किलो होता है। कई बार सिलेंडर में एक किलो तक गैस कम रहती है यानी पूरे 30 रुपए की चपत लग जाती है। ऐसी शिकायतें ग्रामीण इलाकों में ज्यादा है।
इलेक्ट्रानिक कांटे की जगह स्प्रिंग बैलेंस
केंद्र के सार्वजनिक उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के नियम के मुताबिक गैस एजेंसियों और उनके हॉकर्स को सिलेंडर की डिलीवरी के दौरान 50 किलो क्षमता का इलेक्ट्रॉनिक या मैकेनिकल श्रेणी-3 का ऐसा तौल कांटा रखना अनिवार्य है जिसके वजन दर्शाने की शुरुआत 10 ग्राम से होगी। यहां अभी भी स्प्रिंग बैलेंस का इस्तेमाल हो रहा है। जिसके वजन में एक्यूरेसी नहीं है। इसमें 50 ग्राम से कम की गड़बड़ी नहीं पकड़ी जा सकती।
पूरे अधिकार से कराएं तौल
हॉकर्स से गैस सिलेंडर की तौल कराना आपका अधिकार है। आप उससे पूरे अधिकार से कह सकते हैं कि तौल कांटे से सिलेंडर का वजन तौलकर बताएं। यदि हॉकर ऐसा नहीं करें तो आप इसकी शिकायत गैस एजेंसी, नाप तौल के अमले या उपभोक्ता फोरम में कर सकते हैं।
सिलेंडर से होती है रिफिलिंग
शहर के कुछ इलाकों में अवैध रूप से रिफलिंग होती है। एक सिलेंडर से गैसदूसरे सिलेंडर में भरी जाती है। कुछ-कुछ गैस निकालकर नया सिलेंडर तैयार कर उसे ब्लैक में बेच दिया जाता है। वर्तमान में ब्लैक में हजार रुपए में सिलेंडर मिलता है। हॉकर्स की मिलीभगत के बगैर यह अवैध कारोबार मुश्किल है। ऐसे में हॉकर्स पर नजर रखनी जरूरी है। आंख मूंदकर यह मान लेना धोखा है।
और जागरूक बनें ग्राहक
हॉकर्स को स्पष्ट निर्देश है कि वे बगैर तौल कराएं किसी भी उपभोक्ता को सिलेंडर न दें। उपभोक्ता को भी चाहिए कि वे तौल कराने के बाद ही हॉकर्स से सिलेंडर लें। ऐसी स्थिति में शिकायत का मौका ही नहीं आएगा। कम तौल वाले सिलेंडर के लिए केवल हॉकर्स या डीलर्स को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। उपभोक्ताओं को और जागरूक होने की जरूरत है।
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