पत्रकारिता सत्य के लिये समर्पण का नाम,,है ब्लेकमेलिंग या अवैध वसूली नहीं,,!स संपादक शिवाकांत पाठक,!
राष्ट्र एवं समाज में व्याप्त कुरीतियों, असामाजिक तत्वों, आपराधिक कार्यों का विरोध करना एवम शासन प्रसाशन की लाभकारी, जनहित योजनाओ को लोंगो तक निस्वार्थ भाव से पंहुचाना पत्रकारिता कहलाती है,, लेकिन वर्तमान का भयावह परिदृश्य वास्तविकता के विपरीत है,, अभी हाल ही मे एक कलमकार द्वारा अवैध कालौनी से सम्बंधित लेख प्रकाशित किया जो की सत्य था परिणाम स्वरुप अवैध कार्यों मे लिप्त लोंगो के साथ जिसे बैठे देखा गया उसे पत्रकार कहना उचित न होगा क्यों की अवैध धन उगाही को लेकर यदि उपरोक्त व्यक्ति आरोपित है या जेल गया है तो सत्यता सिद्ध होने तक आरोपी कहना मुमकिन होगा,,लेकिन अवैध कार्यों मे लिप्त लोंगो से धन वसूली बेहद शर्मनाक विषय है,, जिसे समाज या राष्ट्र सेवा नहीं कहा जा सकता,,
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