यशस्वी युवा मुख्यमंत्री एवम जिलाधिकारी हरिद्वार विशेष ध्यान दें,, नवोदय में प्रॉपर्टी डीलरो द्वारा फर्जी वाड़े की आत्म कथा,,!,,
मोहसिन अली पत्रकार की रिपोर्ट,,
टिहरी बांध परियोजना की स्वीकृति के बाद बाँध की परिधि में आने वाले गावों को खाली करने के आदेश हुए,, साथ ही उनके अस्थाई रहने हेतु टिहरी में तीन सेट भी तैयार किये गये,, सरकार द्वारा लाभार्थियों के नाम पर, आवास एवम कृषि भूमि के पट्टे आवंटित किये गये,, यहीं से शुरू हुआ फर्जी वाड़ा,, पुनर्वास विभाग से मिलकर चतुर लोंगो द्वारा पहाड़ी लोंगो से सांठ गांठ कर उनकी ज़मीने डीलरों को रजिट्री कराई गई और फिर खेल शुरू हुआ खसरा नंबरों में हेराफेरी का, क्यों की मामला हेराफेरी का था इसलिए नवोदय नगर में खसरा नंबर कोई और डाल कर अवैध रूप से विष्णु धाम, विष्णु लोक,, आदि नाम देकर कलौनी भी काट दी गई,, जिसमें खसरा नंबर 421 का उल्लेख किया है, जबकि इस भूमि का पट्टा हरिजन के नाम है, डीलर ने करोडो रूपये कमाने के लालच मे पट्टा धारक को रिझा कर बहला फुसला कर एक वाद एस डी एम कोर्ट हरिद्वार मे डाला स्वीकार न होने पर माननीय हाई कोर्ट मे वाद प्रस्तुत कर अदालत को गुमराह राह करना चाहा परन्तु हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार डीलर को आदेश मिला की वह सिर्फ निजी आवास बना सकता है,, कलौनी के लिये डी एम हरिद्वार की अनुमति लेना अनिवार्य है,, उस आदेश की अवहेलना कर उपरोक्त डीलर ने कलौनी काट दी साथ ही सलेमपुर प्रथम निवासी एक व्यक्ति की भूमि को पट्टे की अफवाह फैला कर बिना खसरा नंबर बताये हड़पने की साजिस आपने खास मित्रों की मदद से रच रहा है जिसकी सूचना, जिलाधिकारी पुनर्वास टिहरी,,माननीय यशस्वी प्रधानमंत्री कार्यालय,,, सी एम उत्तराखण्ड, प्रमुख गृह सचिव उत्तराखण्ड सरकार,, को किसान द्वारा भेज दी गई है,,जिसमें स्पष्टअनुरोध किया गया है कि उपरोक्त डीलर किसान एवं उसके साथियो की सपरिवार हत्या कर या करवा सकता है,,,साथ जबरन दवंगी के बल पर कुछ भीतरघाती भाजपाई नेताओं का सहारा लेकर किसान की ज़मीन पर समर सेविल लगवाने का कुप्रयास कर रहा है,,,
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