डीलरों पर गिरी मोदी सरकार की गाज,प्रॉपर्टी खरीद में नहीं हो सकेगा काले धन का इस्तेमाल:!
स संपादक शिवाकांत पाठक,,
( 2 लाख से ज्यादा का कैश लेनदेन तो कार्रवाई, आयकर विभाग को जानकारी देना जरूरी,नकद लेनदेन को लेकर कोर्ट के आदेश की 3 मुख्य बातें )
रिपोर्ट वेद प्रकाश,,,
नकद लेनदेन की सीमा और सूचना का दायित्व: सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अदालतों में जब भी किसी मुकदमे में 2 लाख या उससे अधिक की नकद लेनदेन का दावा किया जाता है, तो संबंधित अदालत को अनिवार्य रूप से इसकी सूचना क्षेत्रीय आयकर विभाग को देनी होगी। इसी तरह, संपत्ति के पंजीकरण के समय अगर दस्तावेज़ में इतनी बड़ी नकद राशि का उल्लेख है, तो उप-पंजीयक को भी यह जानकारी आयकर विभाग को देनी होगी।
सूचना छिपाने पर सख्त कार्रवाई: अगर कोई अधिकारी, चाहे वह अदालत में हो या रजिस्ट्रेशन विभाग में, इस तरह के लेनदेन की सूचना छुपाता है और बाद में यह तथ्य सामने आता है, तो उस अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। यह मामला राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य सचिव के संज्ञान में लाया जाएगा, जिससे अधिकारी की जवाबदेही और बढ़ जाएगी।
आयकर विभाग की भूमिका: आयकर विभाग को जब भी इस तरह की सूचना मिलती है, चाहे वह अदालत, रजिस्ट्रेशन विभाग या अन्य किसी स्रोत से हो, तो विभाग को कानून के अनुसार जांच करनी होगी। अगर पाया जाता है कि आयकर अधिनियम की धारा 269ST का उल्लंघन हुआ है, तो संबंधित व्यक्ति पर जितनी राशि नकद में ली गई है, उतने ही जुर्माने का प्रावधान है।
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