सच्चा मानव धर्म क्या है!


 सच है क्या आप जानते हैं ?  स. सम्पादक शिवाकान्त पाठक! सच क्या है शायद हम जानते ही नहीं या जानने की कोशिश भी नहीं करना चाहते सच की परिभाषा क्या है हम सच किसे कहें जो दिख रहा है या जो अदृश्य है  जो नहीं दिख रहा है  तो आइये विचार करें यदि हम किसी भी वस्तु या प्रश्न पर  सोचेगें ही नहीं तो  जबाब कैसे हांसिल  कर सकते हैं हमको दुनियां  दिख रही है परिवार, पत्नी, बच्चे दिख रहे हैं  ,मकान जमीन जायदाद, दिख रही है क्या ये सच है यदि सच है भी तो ये सब कुछ हमको छोड़ना पड़ती है व  हमारी सभी  पसंद की चीजें  नाशवान हैं नष्ट हो जायेगी हम  ही नाशवान हैं  तो हमारा झूठा प्रेम भी नाशवान है फिर हमको इतना लगाव क्यों है  हम इन सबके बिना रह नहीं पाते लेकिन इन सबको छोड़कर हमको जाना पड़ता है मतलब साफ है कि ये सारी चीजें  जिन्हे हम चाहते हैं सब झूठ हैं नाशवान हैं और सच को हम चाहते नहीं हैं  कूलर, फ्रिज, पंखा सब कुछ बिजली से यानि करेंट से चल रहा है हमको इन सबसे बहुत लगाव है   लेकिन ये सब चीजें  बिजली के बिना बेकार हैं बस यही तो सच है कि हम सच को चाहते ही नहीं हैं झूठ से लगाव रखते हैं पानी बरसता है बड़े बड़े बुल बुले पानी में दिखते हैं फिर गायब हो  जाते हैं बस वही तो सच है वही हमारा जीवन है चंद सांसो का खेल भगवान शंकर कहते हैं कि "उमा कहौं मैं अनुभव अपना, सत हरिभजन जगत सब सपना!!  क्या हम इस बात को झूठ समझ लें कि  सारा जगत स्वप्न मात्र है?  सच तो यही है कड़ुआ सच  कि  सारी दुनियाँ  स्वप्न है  हम जो भी देख रहे हैं वह स्वप्न ही है  तो  सच क्या है  सत हरि भजन  ,जिसने सारा संसार बनाया जिसकी बिना मर्जी के हम सांस नहीं ले सकते वह सच है हम तो पानी के बुलबुले की तरह फूले रहते हैं  मैं  अमीर, मैं विधायक, मैं राष्ट्रपति, मैं फलाना ,मैं ढिमका, मैं राजपूत, आदि मैं ही हमारे विनाश का कारण है सोच कर देखिये  आप अमीर होकर भी कार या हवाई जहाज से अंतिम यात्रा नहींं कर सकते यह विधि का विधान है तो फिर आप क्यों बेवजह अभिमान करके खुद को गुमराह कर रहे हैं   याद रखिये भृकुटि विलास श्रृष्टि लय होई ,अर्थात केवल( अाँखों के ऊपर ) भौहों को तिरछी करने या क्रोध करने मात्र से सारा विश्व समाप्त करने वाले का ही हर पल स्मरण करो  जिसकी बिना मर्जी के पत्ता भी नहीं हिल सकता याद रखना  जिस मालिक ने आप को सब कुछ दिया है  उसे सब कुछ लेने में देर नहीं लगती इसलिये सोचो उसकी बनाई हर चीज़,  हवा, पानी, आसमान, जमीन, सभी के लिए है तुम भी अपना जीवन अपने लिए नहीं सभी को समर्पित कर दो यही मानव धर्म है यही सच है!

Comments

Popular posts from this blog

कैसे बचेगी बेटियां,? नवोदय नगर में दिन दहाड़े प्रेमी ने गला रेत कर कर दी हत्या,! हरिद्वार,!

फुटबॉल ग्राउंड फेज 1 जगजीतपुर कनखल थाना क्षेत्र में घर में घुसकर बदमाशों द्वारा की गई मारपीट,,,!हरिद्वार,!

नवोदय नगर में घटी बहुत ही दुखद घटना!