अमर शहीद नाटक को देख लोग ही नहीं प्रकृति भी रो पड़ी


I हरिव्दार! शिवाकान्त पाठक स्वतंत्रत पत्रकार! आर्यन हेरिटेज स्कूल में वार्षिकोत्सव इन्द्रधनुष का सफल आयोजन  सम्पन्न हुआ! सर्व प्रथम मुख्य अतिथि अपर जिला अधिकारी के के मिश्रा ने दीप प्रज्वलित कर  कार्यक्रम  की शुरूआत की  व सरस्वती बंदना  को संगीत बध्द लय के साथ विद्यालय की छात्राओ व्दारा गाया गया विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, नाटक व ड्रिल आदि आयोजन में छात्रों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया तथा अपनी कला के रंग बिखेरे I कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे मा0.  अपर जिलाधिकारी श्री के . के . मिश्रा ने छात्रों की तारीफ करते हुए मंचन को भविष्य की झाकी बताया तथा स्कूल प्रबंदन के प्रयासों की सराहना की I कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि रहे आरोग्य फार्मा के ऍम . डी . डॉ0. महेंद्र आहूजा ने विद्यालय को शिक्षा के साथ – साथ विभिन्न सुविधाओ से लैस और तेजी से डिजिटल सिद्धांतो की ओर अग्रसर बताकर एक छात्र के सर्वांगीण विकास के लिए उपयोगी बताया I विभिन्न प्रकार के नृत्यों का आयोजन  हुआ!  सैनिक जीवन पर आधारित सांगीतिक नाटक ने सबका हृदय छू लिया अद्भुत कला प्रदर्शन कर देश के लिए अपनी जान निछावर करने वाले
सैनिको  की शहादत  के बाद  उनके अपने परिवार का दुख व सच्चाई बयाँ  करते हुए नाटक मुख्य कलाकार मेजर की भूमिका में  आदित्य पाठक  के कुशल अभिनय को देख लोगों की   आँखे  नम हो गयी व अश्रु धारा प्रवाहित होने लगी लोगों का साहस उस  समय जबाब दे गया जब शहीद सैनिक की अंतिम यात्रा से पूर्व  उसकी बहिन की दर्दनाक दिल को दहला देने वाली व्यथा भरी बातों " कि भइया माँ बाप के अलावा मेरा आप ही सहारा थे प्लीज भइया उठ जाओ कुछ  तो बोलो लेकिन उस भोली अंजान बहिन को नहीं मालूम कि अब उसका भाई भारत माँता की गोद में सदा के लिए सो गया था, यह  सब कुछ सुनकर कठोर हृदय वालों का भी दिल भर आया सभी ने अश्रुपूरित आँखों से अंदिम श्रध्दांजली देने हेतु खुद को रोक नहीं पाया व व सबसे पहले अपर जिला अधिकारी स्वयम् ही सैल्यूट करने हेतु खड़े हो गये फिर तो सारी जनता भी खुद को रोक नहीं सकी व सभी को सैल्यूट करते देख "जैसे प्रकृति भी खुद को सम्भाल ना सकी व अचानक काले मेघ अाँसुओ का अंम्बार बन कर इस प्रकार बरसने लगे कि मानों आसमान फफक कर रो पड़ा हो! सभी ने तहे दिल से इस अमर शहीद नाटक के मंचन व अद्भुत  कला प्रदर्शन की सराहना की! अपर जिलाधिकारी  के के मिश्रा  के बेटे अगस्त्य मिश्रा ने संस्कृति से ओतप्रोत कविता सुनाई जिसे  लोगों ने बेहद सराहा व उनकी बेटी वैष्णवी ने पौराणिक श्लोंकों का स्पष्ट उच्चारण कर लोगों को" दाँतों तले उगलिंया दबाने को मजबूर कर दिया, वार्षिकोत्सव  में विभिन्न पुरूस्कार भी वितरित किये गए जहां , खेलो में  विजयी रहे बच्चों को  अपर जिला अधिकारी के के मिश्रा जी व्दारा पुरूस्कार वितरित किये गये!

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