विकास के नाम पर अनदेखी हूं मैं नवोदय नगर की मैन सड़क।
स. सम्पादक शिवाकांत पाठक।
रिपोर्ट मुकेश राणा,,,,
नवोदय नगर की सीमा को दो भागों में विभाजित करने एवम सभी नगर वासियों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने वाली मैं नवोदय नगर टिहरी विस्थापित हरिद्वार की मुख्य सड़क हूं,, हर व्यक्ति मेरे सीने पर पैर रख अपने घर तक पहुंचता है, चाहें वह नेता हो या फिर अधिकारी लेकिन मैने कितने दर्द सहे हैं काश कोई समझने की कोशिश करता,, सभी सेल्फी लेते रहे विकास के नाम पर लोगों को गुमराह करते रहे मैं सब कुछ देख कर भी दर्द के घूंट पीती रही,, आज मेरी जीवन लीला समाप्त होने की कगार पर है,, लेकिन शांत हूं क्योंकि नगाड़ खाने में कौन सुनेगा तूती की आवाज,, हमारे सीने को भेदते हुए तमाम जि़म्मेदार अधिकारी , प्रमुख नेता गड़ , साथ ही माननीय मुख्यमंत्री महोदय भी निकल चुके हैं लेकिन काश उन्होने मेरा दर्द समझने की कोशिश की होती तो आज मैं खून के आशू नहीं रोती,,, मेरा अस्तिव समाप्त होते देख मौन रहने वाले मेरे बेटे कायर हैं यह मैं नहीं कह सकती क्यों कि मैं वसुंधरा हूं मैं जननी हूं मेरी भी एक मर्यादा है लेकिन मुझ पर चल कर अपनी मंजिल तय करने वाले यह सोचे कि वास्तव में मेरा दर्द क्या है,,,
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