बूँद-बूँद से बड़ी बचत जल ही जीवन है! मधुर पांडेय!
स. संपादक शिवाकांत पाठक!
यद्यपि पानी की एक बूँद मात्रा देखने में बहुत कम लगती है। परंतु यदि इसे न रोका जाए तो बहुत पानी बरबाद हो जाता है। निम्नलिखित विवरण से इस बात को और भी बल मिलता है अतः पानी की एक भी बूँद बर्बाद नहीं होने देनी चाहिए।
1. एक टपकते नल से प्रति सेकेंड एक बूँद बर्बाद होने से एक माह में 760 लीटर पानी व्यर्थ में ही बह जाता है।
2. सीधे नल से नहाने पर 90 लीटर पानी खर्च होता है।
3. हाथ धोकर नल ठीक प्रकार से न बंद करने पर एक मिनट में 30 बूँद पानी तथा वर्ष में 46 हजार लीटर पानी व्यर्थ चला जाता है।
4. पाइप से बगीचे की सिंचाई पर पानी की भारी बर्बादी होती है।
5. प्रेशर से कार धोने, जल की धार से सब्जियाँ धोने में पानी बर्बाद होता है।
6. खेतों में नहर या पाइप से सिंचाई करने में अधिक पानी लगता है।
7. टाॅयलेट और यूरिनल में लोग काफी पानी बर्बाद करते हैं।
8. सार्वजनिक नलों से बहता हुआ पानी पर्याप्त मात्रा में बर्बाद होता है।
9. ड्रिप सिंचाई प्रणाली से कम पानी में अधिक सिंचाई हो जाती है। इससे लगभग आधा पानी बच जाता है।
10. छोटे गिलासों में पानी पीने से पानी की बचत होती है।
11. कम रिसाव वाले मटकों का उपयोग करने से जल की बचत होती है।
12. लाॅन, पौधों आदि में शाम को ही पानी दें।
13. पर्याप्त कपड़े होने पर ही वाशिंग मशीन का उपयोग करें।
14. सब्जियाँ किसी टब या बर्तन में धोएँ।
15. फ्लश टैंक में व्यर्थ पानी का उपयोग करें।
16. वाहनों को बाल्टी में पानी लेकर धोएँ।
17. शाॅवर के बजाए बाल्टी व मग से नहाएँ।
18. बर्फ के टुकड़ों को किसी पौधे या लाॅन में डाल दें।
19. शेव, ब्रुश, मुँह आदि धोते समय लगातार नल न चलाएँ।
20. मेहमानों को आधा गिलास पानी दें बाद में माँगने पर ही और दें।
इस प्रकार इन उपायों से जल की बचत हो सकती है। बस आवश्यकता है इन पर अमल करने की। यदि इन पर या अन्य तरीकों का उपयोग किया जाए तो जल की यही बचत संग्रहण होगी।
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