महंगाई और भुखमरी से बेहाल है देश ! रिजवान खान ( संयुक्त सचिव किसान कांग्रेस उत्तराखंड)
स. संपादक शिवाकांत पाठक!(वी एस इन्डिया न्यूज परिवार)
गरीब मीडियम वर्ग आज की मंहगाई के सामने घुटने टेकने पर मजबूर.
व्यापार राजनीति समाज और धर्म के साइड इफेक्ट तो देखने को मिल ही रहे हैं!लेकिन इससे कहीं ज्यादा खतरनाक हो रहे हैं गरीबी के हालात जी हां बढ़ती महंगाई ने गरीब मिडियमवर्ग आमजन का जीना मुहाल कर दिया है! देश में महाविपदा के कारण करोड़ों लोग बेरोजगारी तंगहाली महंगाई और भुखमरी का दंश झेल रहे हैं! पेट्रोल डीजल खाद्य तेल और रोजमर्रा के इस्तेमाल वाली वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं! जमाखोरी भ्रष्टाचार रिश्वतखोरी चरम पर है! लेकिन बिल्कुल असंवेदनशील और खुदगर्ज सत्ता के कर्णधार अपनी विलासितापूर्ण जीवन जीने में कोई कमी नहीं होने दे रहे हैं!इनके पतन के बाद जब इस दौर का इतिहास लिखा जाएगा तब इस दौर को नीरो से भी असंवेदनशील दौर के तौर पर लिखा जाएगा!अगर देखा जाएं तो देश व प्रदेश किसी न किसी समस्या से जूझ ही रह हैं कही आबादी के दबाव से तो कही भुखमरी से तो कही प्राकृतिक आपदाओं से परेशान है कोई निरक्षरता और बेरोजगारी से लड़ रहा है तो कोई सामाजिक असमानता और सांप्रदायिकता का दंश झेल रहा है इन सबसे बड़ा दंश गरीबी का हैं जो गरीब मीडियम वर्ग आज की मंहगाई के सामने घुटने टेकने पर मजबूर हैं! लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह हैं कि कब इस मंहगाई से निजात मिलेगी और कौन दिलायेगा इस मंहगाई से निजात क्योंकि सरकार तो सिर्फ मंहगाई बढ़ाने पर हैं तथा इस और सरकार कुछ सोचना भी नही चाह रही कही ऐसा ना हो कि देश की गरीब व मिडियमवर्ग सड़को पर आकर खुद मंहगाई के खिलाफ खड़े ना हो जाएं इस लिए समय रहते सरकार को इस और कदम उठाकर मंहगाई से निज़ात दिलानी चाहिए.।
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