आदमी की खुद में एक पहचान होना चाहिए
आदमी की खुद में एक पहचान होना चाहिए!
आदमी कुछ हो न हो इंसान होना चाहिए!!
बेईमानी से कमाया धन तो एक दिन जाएगा!
आदमी के पास बस ईमान होना चाहिए!!
चंद पैसों पर किया अभिमान भी मिट जाएगा!
आदमी के दिल में बस सम्मान होना चाहिए!!
भूल कर अहसान तुम अपमान कर के देख लो!
जो किया है वह मिलेगा ज्ञान होना चाहिए!!
हर बुरे कर्मों को कोई देखता है जान लो!
जैसी करनी वैसी भरनी ध्यान होना चाहिए!!
कर्म ऐसे कर किसी का दिल कभी भी न दुखे!
आदमीयत की तेरी पहचान होना चाहिए!!
रचना=
स. संपादक शिवाकांत पाठक
वी एस इन्डिया न्यूज चैनल दैनिक साप्ताहिक विचार सूचक समाचार पत्र सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त
संपर्क=📞9897145867
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