मां का सम्मान ही हमारे व्यक्तित्व को निखारता है! वंदना त्यागी (प्रधानाचार्य)
(आर्यन हेरिटेज स्कूल में हुआ माताओं का सम्मान)
स. संपादक शिवाकांत पाठक!
मातृ दिवस के अवसर पर प्रबंधक वसु त्यागी के प्रयासों से विद्यालय में कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जिसमें विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों की माताओं ने भाग लिया प्रतियोगिताओं में कार्ड मेकिंग सलाद डेकोरेशन क्राफ्ट और लेमन स्पून रेस म्यूजिकल चेयर आदि में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया इस अवसर पर विद्यालय प्रधानाचार्य श्रीमती वंदना त्यागी ने कहा कि निस्वार्थ प्रेम व त्याग की देवी सिर्फ मां होगी है उन्होंने बच्चो से कहा कि एक मां अंधी थी व मजदूरी कर के अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा दे रही थी बच्चे को स्कूल में सभी चिढ़ाते थे कि अंधी का बेटा आ गया इसलिए बच्चा मां से चिढ़ता था पढ़ लिख कर बच्चा अमीर आदमी बन गया लेकिन मां से वास्ता नहीं रखता था एक बार मां अपने बेटे की कोठी पर गई व सिक्योरिटी गार्ड से कहा कि बाबू जी से बोल दो एक बूढ़ी मां मिलना चाहती है जिस पर सिक्योरिटी गार्ड ने मालिक से मिलकर बूढ़ी मां को बताया कि वो नहीं है कुछ ही देर बाद उसका लड़का कार से निकला लेकिन भीड़ देखकर चौराहे पर जा पहुंचा तो देखा उसकी मां मरी पड़ी है उसके हांथ में एक लेटर था उसमे लिखा था बेटे जब तू छोटा था तब तेरी आंख में लोहे की सरिया घुस जाने से आंखे बेकार हो चुकी थी तो मैंने अपनी आंखें तुझे दे दीं थीं आज तू उन अखों से मुझे देखना नहीं चाहता इसलिए मैं हमेशा के लिए दुनियां छोड़ कर जा रही हूं अपना खयाल रखना लेटर पढ़ते ही बेटा फफक कर रो पड़ा लेकिन समय निकल चुका था इसलिए आप सभी से मै यही कहना चाहती हूं कि जीवन में मां का कभी भी दिल ना दुखाना मां सिर्फ एक बार ही मिलती है! अंत में प्रतियोगता में सफल अभ्यर्थियों को विद्यालय की ओर से पारितोषिक वितरण भी किया गया!
प्रतियोगिता का रिजल्ट मी एंड मॉम के तहत इन बच्चों की माताओं ने स्थान प्राप्त कर पारितोषिक प्राप्त किया!
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