क्या आप जानते हैं मां की वास्तविकता??
मां तो आखिर मां होती है!
जिसका फल न मिले कभी,
वो बीज सदा ऐसे बोती है !!
मां तो आखिर मां होती है !
चाह नहीं सुख की है जिसको दुख से जिसका नाता!
महां भयानक पीड़ा सहकर कहलाती है माता!!
खुद रोकर जो खुशियां बांटे क्या बतलाऊं क्या होती है!
मां तो आखिर मां होती है!!
भूखी सो जाती है लेकिन भूखा नहीं सुलाती !
वृद्धा आश्रम में भी अपना दर्द नहीं बतलाती!!
तुम क्या दुख क्या है हर दुख की एक सीमा होती है!
मां तो आखिर मां होती है!!
मां तो आखिर मां होती है !!
मातृ दिवस पर समर्पित रचना 🙏
स्व रचित 🖊️ स. संपादक शिवाकांत पाठक वी एस इन्डिया न्यूज चैनल दैनिक साप्ताहिक विचार सूचक समाचार पत्र सूचना एवम् प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त 📲 व्हाट्स ऐप नम्बर 9897145867, कालिंग📲8630065119
आज मातृ दिवस पर अपनी लेखनी द्वारा मां कि वास्तविक स्थिति पर प्रकाश डालते हुए आप सभी के सामने एक रचना प्रस्तुत कर रहा हूं जो कि आप ने पढ़ ली होगी साथ ही आप सभी से अनुरोध भी कर रहा हूं कि मां वास्तव में वह सच है जिसे जाने बिना आपका जीवन सार्थक नहीं हो सकता क्यों कि यदि आप अपनी जीवन दायनी मां के असीम बलिदानों को भूल कर जीवन में सुखों की कल्पना करते हैं तो यह आपकी सबसे बड़ी भूल होगी 🙏
भारतीय संस्कृति की संपूर्ण विश्व में एक अलग ही पहचान है । इस संस्कृति पर अनेक बार पाश्चात्य संस्कृति का प्रहार हुआ है । मगर यह संस्कृति आज भी जीवित है और इसका मुख्य कारण इस भारत वर्ष में जितने भी महान ऋषि मुनि हुए उनके द्वारा की गई तपस्या और विशेष रूप से नारी शक्ति जिसे हम देवी का स्वरूप मानते हैं इनकी साधना आज हमारी संस्कृति को संपूर्ण विश्वभर में गौरवान्वित कर रही है ।
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