सुख क्या है ? जो आपको पसंद है । दुख जिसे आप पसंद नहीं करते ,,है न,,?
स संपादक शिवाकांत पाठक,,,
सच तो यही है कि सुख और दुख के वास्तविक स्वरुप को हम जानते ही नहीं,, कभी ऐसे भी होता है कि हमारे शरीर का कोई अंग गलने लगता है या काम करना बंद कर देता है,, वह पहले बहुत ही प्यारा था फिर डॉक्टर कहते हैँ इसे काटना पड़ेगा,,, अब आपको अपने अंग से ही नफरत हो गई,,, जल्दी हटाओ इसे,,,आप ऐसे कहते हैँ,,,
क्या कभी आपने खयाल किया कि कैसा चमत्कार है कि आज जिसे आप चाहते हैं, वह सुख है; और कल अगर न चाहें, तो वही दुख हो जाता है। और आज जिसे आप नहीं चाहते थे, वह दुख था; और कल अगर आप उसी को चाहने लगें, तो सुख हो जाता है।
एक प्रेमी है। वह कहता है कि इस स्त्री के बिना मैं जी न सकूंगा। यही मेरा सुख है। और लगता है उसे कि इसके बिना मैं नहीं जी सकूंगा। और कल शादी हो जाती है। और परसों वह अदालतों में घूम रहा है कि तलाक कैसे करूं! स्त्री वही है। पहले कहता था, इसके बिना न जी सकूंगा। अब कहता है, इसके साथ न जी सकूंगा। वह कल सुख था, आज दुख हो गया।
मेरे एक परिचित हैं। स्पेन में रहते हैं। उन्होंने अपनी पत्नी को तलाक दिया और दो साल बाद उसी स्त्री से दुबारा शादी कर ली! पहले सुख पाया, फिर दुख पाया। दो साल उसके बिना रहे, और फिर लगा कि वह सुख है। जब उन्होंने मुझे खबर की, तो मैंने कहा कि तुम पहले अनुभव से कुछ भी सीखे नहीं मालूम पड़ता। यह स्त्री कभी सुख थी, फिर दुख हो गई थी। अभी फिर सुख हो गई है! कितनी देर चलेगा? और कब दुख हो जाए, ज्यादा देर नहीं चलेगा मामला। क्योंकि व्यक्ति वे वही के वही हैं। फिर दुख हो जाएगा।
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