रंगो से सराबोर हुये नौटियाल जी
होली के महापर्व में रंगो से सराबोर हुये लोग! हरिव्दार! स. सम्पादक शिवाकान्त पाठक! नवोदय नगर में हिंदू धर्म के अनुसार असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक होली महापर्व को पूर्ण रूप से हर्षोल्लास के साथ मनाया गया बच्चे भी हाथों में गुलाब लेकर धमाचौकड़ी मचाते हुए ऐसे लग रहे थे जैसे रंग बिरंगे फूलों की कोई बगिया सिमटकर आ गई हो नन्हे नन्हे हाथों में पिचकारिया लेकर रंगों की बौछार करते बच्चे बेहद खुश दिख रहे थे वहीं दूसरी ओर राकेश नौटियाल जी भी रंगों से पूरी तरह सराबोर दिखे व अभिषेक शर्मा भी पीछे हटने वाले नहीं थे उन्होंने भी जमकर होली का मजा लिया व उनके साथी गणों ने मिलकर पूरी तरह रंगों की बौछार की राकेश नौटियाल ने कहा कि होली एकता और अखंडता का प्रतीक है क्योंकि होली में सभी लोग वैमनस्यता को भुलाकर भाईचारे के साथ एक दूसरे से मिलते हैं वह आपसी मिलन ही होली के प्रेम का प्रतीक है ! सभी लोगों ने एक दूसरे के घर जाकर गुलाल अबीर लगाकर प्रेम का इजहार किया वह होली की शुभकामनाएं दीं!
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