तमाम प्रतिभाओं के धनी हैं अगस्त्य मिश्रा
तमाम प्रतिभाओं के धनी हैं अगस्त्य मिश्रा! कभी कभी ईश्वर की अनुपम कृपा का संकेत होनहार बच्चों में बचपन से ही देखने को मिलता है आज हम बात करते हैं अगस्त्य मिश्रा जो कि अभी है तो बालक ही परन्तु साहित्य का अटूट रिस्ता इस बच्चे से देखा जा सकता है पौराणिक श्लोंकों व हिंदी साहित्य से परिपूर्ण कबिताओं को बिना रूके बोलने की क्षमता शायद ही किसी किसी में देखने को मिलती है अभी हाल ही में आर्यन हेरिटेज स्कूल आन्नेकी रोशनाबाद हरिद्वार में हुये वार्षिकोत्सव में इस बच्चे व्दारा गाये गये हिंदी साहित्य से ओतप्रोत गीत लोगों के लिए विस्मयकारी साबित हुए सभी ने दांतो तले उगलिंया दबा ली व उस समय मुहावरे की वे लाइने सार्थक साबित हुई कि " होनहार विरयान के होत चीकने पात,!
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