चौथे स्तंभ पर तानाशाही बरकरार! गुलफाम अली (उत्तराखंड प्रभारी)
पत्रकारों पर फिर दर्ज हुआ फर्जी
मुकदमा
जिस प्रशासन के एक प्रेस नोट पर सभी पत्रकार अपने व्यक्तिगत कामों को छोड़ कर अपने पेट्रोल पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए दौड़े चले जाते हैं प्रशासन की हर आवाज को जन जन तक पहुंचाने का काम करते हैं आज उसी प प्रशासन ने अपना असली चेहरा स्पष्ट कर दिया ,हरिद्वार मामला बंदरजूड़ बुग्गावाला में हो रहे आलिया रिजोर्ट के निर्माण का है जिस पर अवैध रूप से आसपास की नदियों से पत्थर चोरी कर निर्माण किया जा रहा हैं
और सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व का चूना लगाया जा रहा है इसकी शिकायत आसपास क्षेत्र के ग्रामीणों ने फॉरेस्ट अधिकारियों को भी की थी जिसकी खबर पत्रकारों ने अपने न्यूज़ चैनल के माध्यम से सभी को दिखाई
अधिकारी ने आलिया रिजोर्ट के साथ मिलकर पत्रकारों को पैसे का लालच देकर खबर रोकने के लिए कहा गया लेकिन पत्रकारों ने पैसे लेने से साफ इंकार कर दिया और लगातार खबरों को चलाते रहे लगातार खबरों को देखकर 16 तारीख को लगभग सुबह 5:00 बजे फॉरेस्ट अधिकारी द्वारा पत्रकारों को कॉल की गई की तुम लोगों ने बड़ी मछली के मुंह में हाथ डाल दिया है तुम लोगों को आलिया रिजॉर्ट द्वारा जान से मारने की प्लानिंग की जा रही है क्योंकि तुमने उन लोगों के खिलाफ अपने न्यूज़ चैनल में खबर प्रसारित की है उसके बाद दूसरी कॉल में अधिकारी द्वारा कहा गया कि तुम पत्रकारों ने बहुत बड़ी गलती कर दी है तुम्हें जेल भिजवाने की भी प्लानिंग की जा रही है पत्रकारों ने अपनी जान माल की सुरक्षा की गुहार एसएसपी हरिद्वार सीईओ हरिद्वार डीआईजी ,डीजीपी से लगाई तो अपने आप को फंसता देख फॉरेस्ट अधिकारी ने आलिया रिजॉर्ट के साथ मिलकर पत्रकारों के खिलाफ पेसे के दम पर बुग्गावाला थाने में मुकदमा दर्ज करवा दिया ताकि पत्रकार जेल चले जाएं और अधिकारियों की भ्रष्टाचारी किसी को पता ना लगे सब पत्रकारों की चर्चा करते रहे और अधिकारियों के काले कारनामों पर किसी का ध्यान ना पड़े अगर सच्चाई दिखाने वाले पत्रकारों पर दबंग व्यक्तियों और अधिकारियों की मिलीभगत से यूं ही फर्जी मुकदमे दर्ज होते रहे तो लॉकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वाली पत्रकारिता पर खतरा मंडराता रहेगा इसलिए एबी जरूरत है पत्रकारों को एकजुट होकर मुहिम के साथ योजना वद्घ तरीके से काम करना चाहिए !
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