एक पत्रकार का पैग़ाम ईश्वर अल्लाह के नाम!
हे प्रभु सुन लो मेरी पुकार !!
आधार तुम्हीं हो इस जग के,
बिन तेरे हम सब निराधार!!
हे प्रभु सुन लो मेरी पुकार!!
संतानें तेरी संकट में स्पष्ट दिख रही लाचारी!
डाक्टर वैज्ञानिक हार गए, पर जान ना पाए बीमारी!!
तुम अखिल विश्व के नायक हो, आकर तो देखो एक बार!!
हे प्रभु सुन लो मेरी पुकार!!
माना गलती है मानव की, लेकिन हर मानव तेरा है!
धरती पर आकर देख जरा, सबको संकट ने घेरा है!!
बच्चे अनाथ हो रहे यहां लाशें जलतीं हैं लगातार!
हे प्रभु सुन लो मेरी पुकार!!
मंदिर में हो या मस्जिद में गुरुद्वारे में हो पता नहीं!
तुम सबमें हो सब तुझमें हैं फिर इंसानों की खता नहीं!!
बस बहुत हो गया हे मालिक, विनती करता हूं बार बार!
हे प्रभु सुन लो मेरी पुकार,
हे प्रभु सुन लो मेरी पुकार!!
धन के लालच में आकर के सब मानवता को भूल गए!
खुद ही ईश्वर बन बैठे सब,
गुब्बारे जैसे फूल गए!!
अपराध क्षमा करदो सारे विनती करता हूं बार बार!
हे प्रभु सुन लो मेरी पुकार,
हे प्रभु सुन लो मेरी पुकार!!🙏🙏🙏🙏🙏
*जन हित तथा संसार हित में समर्पित*
*स्व रचित कविता*
*स. *संपादक शिवाकांत पाठक*
*विचार न्यूज परिवार हरिद्वार उत्तराखंड*
संपर्क📞9897145867
*दैनिक साप्ताहिक विचार सूचक समाचार पत्र सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त*
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