पुलिस के जिम्मेदार आला अधिकारियों ने दिलाया बेटी को न्याय ! मंगलौर (हरिद्वार)
स. संपादक शिवाकांत पाठक!
रिजवाना पत्नी ताहसीन निवासी ग्राम कुरडी थाना मंगलौर जिला हरिद्वार ने एक शिकायती प्रार्थना पत्र वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार को देते हुए उल्लेख किया कि दिनांक 29.09.2021 में सुबह 11.30 बजे के आसपास प्रार्थिया व उसका पति अपने घर से दुकान पर कुछ सामान लेने के लिए निकले तो शमीम पुत्र दिलशाद ने रोककर 500 / - रूपय जो कि उधार दिये हुए थे वापस मांगने लगा प्रार्थिया के पति ने कहा कि अभी मेरे पास नहीं है 1-2 दिन में दे देंगे तो शमीम का भाई सद्दाम और समीर तीनो भाई प्रार्थिया व उसके पति के साथ गन्दी गन्दी गाली गलौच करने लगे प्रार्थिया ने विरोध किया तो तीनों ने मिलकर प्रार्थिया व उसके पति के साथ जबरदस्ती हाथापाई करते हुए मारपीट करने लगे तथा किसी धारदार हथियार से प्रार्थिया व उसके पति पर जानलेवा हमला कर दिया जिससे प्रार्थिया व उसके पति को काफी चोटे आयीं हैं प्रार्थिया व उसके पति के कपड़े भी खींच कर फाड़ दिये तथा जान से मारने की धमकी देने लगे कि या तो पैसे दो नहीं तो प्रार्थिया को या उसकी बेटी को हमारे साथ भेज दो नहीं तो हम जबरदस्ती उठाकर ले जायेंगे
प्रार्थिया ने बहुत मना किया लेकिन वे नहीं माने तथा प्रार्थिया को जबरदस्ती खींचकर अपने साथ ले जाने लगे ये आरोपी पहले भी कई बार प्रार्थिया व उसके पति के साथ मारपीट कर चुके हैं जिसके सम्बन्ध में प्रार्थिया ने दिनांक 29.09.2021 को एक प्रार्थना पत्र थाना कोतवाली मंगलौर में दिया तो उन्होंने चोटों का मैडिकल कराकर लाने को कहा तब प्रार्थिया अपना मैडिकल व उपचार सिविल अस्पताल रूड़की में कराकर रिपोर्ट लिखाने गये तो उन्होंने रिपोर्ट लेकर रखी ली जिस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है!
जबकि विपक्षीगण व उसका रिश्तेदार इसरार पुत्र नानू जो उसी गांव का है , लगातार प्रार्थिया पर फैसले का दबाव बना रहे हैं और कह रहे हैं कि अगर तुमने अपना प्रार्थना पत्र वापस नहीं लिया तो तुम्हें व तुम्हारे घरवालों को इसका बहुत बुरा इन्जाम भुगतान पड़ेगा जिसका तुम्हें अन्दाजा नहीं है हमारी पहुंच बहुत ऊपर तक है तथा तुम्हारे पति को किसी झूठे मुकदमें में फंसवाकर जेल भिजवा देंगे । प्रार्थिया तभी से काफी डरी व सहमी हुई है जिस कारण प्रार्थिया को श्रीमानजी के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करना पड़ रहा है । इतना ही नहीं बल्कि एक शिकायती प्रार्थना पत्र एस पी देहात को भी पीड़िता ने दिया तब कहीं जाकर मुकदमा पंजीकृत किया गया लेकिन सोचनीय विषय तो यह है कि आज के लोक तंत्र की इतनी दुर्दशा जनता क्यों महसूस कर रही है आखिर कहां पर कमी शेष रह गई है सिस्टम में जो कि फरियादियों की शिकायत पर संबधित थाना, कोतवाली मुकदमा दर्ज नहीं करती ! किसान कांग्रेस के प्रांतीय सयुक्त सचिव रिजवान खान ने पुलिस अधीक्षक हरिद्वार की पारदर्शी कार्यवाही की प्रसंशा की है !
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