मैं तो जिंदा हूं साहब,,,' सरकारी कागजात में 'मृत' घोषित बुजुर्ग का दर्द,। वैशालीः बिहार।
स.संपादक शिवाकांत पाठक।
जिस देश में एक जीवित व्यक्ति को जीवित होने का प्रमाण प्रस्तुत करना पड़ जाए ,, वहां के सिस्टम से आप क्या उम्मीदें रख सकते हैं,,
यही नहीं बल्कि महज 31 पैसे के लिए गुजरात में एस बी आई ने एक किसान को नोटिस जारी कर दिया,,,
तमाम ऐसी बातें हैं जिन्हे आज पढ़े लिखे, वकील,, जज, प्रोफेसर,, अधिकारी जान बूझ कर अंजान बने हुए हैं और शोषण का शिकार हो रहे हैं,, अब आप कहेंगे कि ऐसी क्या बात है तो सुनिए,,,
हमारे देश में कानून सिर्फ कागजों पर जिंदा है वह भी गरीबों के लिए,, अमीरों को तो वह छू भी नहीं सकता,,
जियो,एयर टेल आदि तमाम कंपनियों ने प्रारंभ में ही लिखित रूप में कहा था कि इनकमिंग कॉल आजीवन रहेगी,, कहा था या नहीं,, साथ ही भारतीय ही नहीं बल्कि अंग्रेजी माह भी तीस दिन का होता है,, लेकिन एक माह का रिचार्ज सिर्फ 24,26,28 दिन के लिए होता है यह सब क्या जनता के ज्यादती नहीं है,,,,
लेकिन इसके बाद क्या हुआ,, सभी जानते हैं,, बडे़ बडे़ नेता अभिनेता सरकारी कर्मचारी,,अधिकारी अधिवक्ता इस जुल्म के विरोध में आवाज नहीं उठा सके,, क्यों,,,?
एक बात और पूछता हूं आप सभी से कि जब शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है तो फिर बिकवाता कौन है ,,
राजा को एक पिता तुल्य माना जाता है और एक पिता अपनी संतान के लिए जीवित रहता है,,
एक बात और कहूं सच थोड़ा नहीं बहुत कड़ुआ होता है,, क्यों सत्य ईश्वर का ही स्वरूप है,, आप सोचते हैं कि पुलिस रात दिन नशा मुक्त अभियान चला रही है लेकिन नशा तस्करों का कारोबार आज भी जारी है,,??
तो सुनिए वर्ष 1947 में भारत आजाद हुआ था और जो नियम कानून उस समय बनाए गए थे वे उस समय की स्थिति को देखते हुए बने थे,, तब आदमी वफा दार हुआ करते गलत कार्यों से डरते थे लेकिन आज पैसे के लिए इंसान कुछ भी करने को तैयार है ,, इसलिए कानून में संशोधन होना जरूरी है क्योंकि कि शराब तस्करों पर इतनी ज्यादा गंभीर धारा नहीं होती जिससे उन्हें सबक मिल सके,, डेढ़ दो किलो गांजे में भी जमानत होना आसान होता है,,,
इसलिए समय के साथ कानून का भी रुप बदलना चाहिए,,,
मामला अहमदाबाद का है विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी बैंकों को 23 हजार करोड़ का चूना लगाकर विदेश में ऐश कर रहे हैं, वहीं गुजरात में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की ब्रांच ने एक किसान को महज इसलिए NOC नहीं दी, क्योंकि उस पर 31 पैसे बकाया था। हाई कोर्ट ने इस पर बैंक को फटकार लगाई है। दरअसल किसान का बैंक पर 31 पैसे बकाया था। इस वजह से बैंक ने किसान को नो ड्यूज सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया। फसल कर्ज का बकाया अदा करके बावजूद किसान को बैंक ने सर्टिफिकेट नहीं दिया। दरअसल एक जमीन खरीद के मामले में किसान को एनओसी की जरूरत थी।
जिंदा होने का सबूत लेकर दफ्तरों का चक्कर काट रहे हैं बुजुर्ग, सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषितभतीजे ने साजिश के तहत किया मृत घोषितः इस सिलसिले में रामनाथ शर्मा ने बताया कि उनके अपने भाई शंभू नाथ शर्मा, भतीजे अजय कुमार शर्मा एवं अन्य लोगों ने साजिश करके लालगंज नगरपालिका से कर्मचारी के मेल से पैतृक संपत्ति हड़पने के लिए मृत्युपंजी में मृत घोषित कराकर उनका मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया. जब रामनाथ शर्मा को इसकी जानाकरी हुई तो उन्होंने अपने जीवित होने का सभी प्रमाण पत्र आधार कार्ड, पैन कार्ड, रेलवे विभाग में दिनांक 5/ 8/ 1978 से 31/ 12/ 2013 तक नौकरी करने का प्रमाण भी पेश किया. उन्होंने बताया कि वे 2013 में रेलवे विभाग से सेवानिवृत्त होकर आज पेंशन पा रहे हैं. उन्होंने बैंक का पासबुक दिखाते हुए बताया कि आज भी उनका पेंशन आता है और वे रामनाथ शर्मा ही है.
बुजुर्ग ने दिया जीवित होने का प्रमाण पत्रः आरोप है कि रामनाथ शर्मा के भतीजे अजय कुमार शर्मा ने थाना से लेकर जिला तक आवेदन देकर यह कहा था कि उनके पिता रामनाथ शर्मा की मृत्यु वर्ष 1984 में ही हो गई है और यह व्यक्ति जो कि मेरे चाचा रामानंद शर्मा है रामनाथ शर्मा बनकर उनके हिस्से की जमीन बेच रहे हैं. मामला जब तूल पकड़ा तो रामनाथ शर्मा स्वयं अंचलाधिकारी एवं जिलाधिकारी के यहां प्रस्तुत होकर अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र पेश करते हुए बताया कि अजय कुमार शर्मा उनके भाई नथिया शर्मा के पुत्र हैं. जिनकी मृत्यु काफी पहले हो चुकी है."उन लोगों ने मेरी संपत्ति हड़पने के लिए फर्जी तरीके से मुझे मृत बता दिया, जबकि मैं जीवित हूं और अपने जीवित होने का तमाम प्रमाण अंचल कार्यालय में दे चुका हूं. मेरे भतीजे अजय कुमार शर्मा और भाई शंभू नाथ शर्मा ने ये सब साजिश की है"-रामनाथ शर्मा, पीड़ित बुजुर्गकोर्ट में मामला दर्ज कराएंगे रामनाथ शर्माःरामनाथ शर्मा ने जीते जी फर्जीवाड़ा कर उन्हें मृत घोषित करने वालों के विरुद्ध न्यायालय में मामला दर्ज करवाने की भी बात कही है. वहीं, अंचलाधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि रामनाथ शर्मा जीवित है. बावजूद इसके उन्हें अपना जीवित होने का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना पड़ रहा है. सीओ ने बताया कि उनको भी परेशान होना पर रहा है. सभी बिंदुओं पर जांच पड़ताल की गई है. जरूरी हुआ तो आवश्यक कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी."
गौर करें,,,रामनाथ शर्मा जीवित है. लेकिन उन्हें अपना जीवित होने का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना पड़ रहा है. सभी बिंदुओं पर जांच पड़ताल की गई है. जरूरी हुआ तो आवश्यक कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी" - पंकज कुमार, अंचलाधिकारी लालगंज.
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