राजनैतिक दलों द्वारा उपेक्षा का परिणाम होता है बगावत ! डॉ नीरज सैनी !
हमारा कर्तव्य या उद्देश्य किसी भी पार्टी धर्म, जाति का विरोध या पक्ष करना नहीं है समाज के आइने की तरह सभी की बात से रूबरू कराना हमारा लक्ष है
अपने देखा होगा कि हर पल बिना किसी स्वार्थ के जन हित में कार्य करने वाले लोग जो कि तमाम पार्टियों के महत्वपूर्ण लोगों के द्वारा लिए गए निर्णय से खुद को उपेक्षित महसूस करते हैं जिसका परिणाम बगावत होता है क्यों जैसा कि नगर निकाय में आप देख चुके हैं मेरा मतलब केवल नवोदय नगर वार्ड नंबर 13 या शिवालिक नगर पालिका से नहीं है ? क्यों कि जब भी सच्चाई पर कुठाराघात होता है तभी अन्याय भी चरम पर होता है मेरा कहने का मतलब यह है जब कर्ण महारानी कुंती का पुत्र था और अर्जुन भी था तो कर्ण के साथ उपेक्षित व्यवहार क्यों किया गया उसे शूद्र पुत्र कह कर अपमानित करने का परिणाम तो आप सभी जानते हैं ना चलो मान लेते हैं कि कर्ण हार गया था लेकिन इतिहास आज भी कर्ण की वीरता, साहस, दान वीरता का कायल है क्यों कि सभी राजनैतिक दलों में कुछ चाटुकार, चापलूसी करने वाले लोग शामिल रहे हैं और वे बड़े नेताओं की चापलूसी करके टिकट हासिल कर लेते हैं जबकि उनके अपना अतीत बेहद शर्मनाक व सोचनीय होता है लेकिन पार्टियां किसी विशेष महत्वपूर्ण नेता के कहने पर उसे टिकट देकर उसके द्वारा किए जाने वाले तमाम जन विरोधी कारनामों में सहभागिता की मोहर लगा देती हैं जैसे फर्जी आधार कार्ड में पद का दुरुपयोग करना राशन कार्ड बनवाने के नाम पर जनता से अवैध वसूली करना आदि ,यह बात और है कि जिसे टिकट हासिल होता है उसकी जीत पार्टी के सिंबल में निहित होती है लेकिन पार्टी के वफादार लोगों के अपमान का परिणाम होता है बगावत जिस पर प्रत्येक पार्टियों को यह चाहिए कि यदि पार्टी के लिए समर्पित लोग टिकट की मांग करते हैं तो इसका निर्णय लेने से पहले अच्छी तरह गोपनीय जांच जरूर कराएं वरना भविष्य में परिणाम सोचनीय होंगे और इस समय आप देख भी रहे हैं !
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