धरम नगरी में अधर्म का काम स्पा सेंटरों में देहव्यापार !
स. संपादक शिवाकांत पाठक!
रिपोर्ट्स मुकेश राणा!
हरिद्वार /देह व्यापार आज किस सीमा पर पहुँच चूका है यें तो सभी जानते है लेकिन देवभूमि और धर्म नगरी कही जाने वाली इस पवित्र भूमि के ऊपर भी अब यें गुलाबी धंधा चढ़ चढ़ कर अपना दुर्भाग्य बयां करेगा यें किसी को मालुम न था । कहाँ से आया स्पा मसाज पार्लर का यें नीला व गुलाबी धंधा जो वैध कि आड़ लेकर अवैध कार्य को धड़ल्ले से अंजाम दे रहा है।
और स्पस्ट व बेबाक कहे हो जिस्मफारोशी के इस रंगीन धंधे ने अब स्पा व मसाज पार्लर कि ऐसी चादर ओढ़ ली है।जिसमे बाहर से रंग सफ़ेद और अंदर से रंगीन नजर आती है।
देवभूमि उत्तराखण्ड में ऐसे बहुत से जिले है जहां उत्तराखण्ड सरकार इस धंधे को रोकने में पूरी तरह विफल नजर आने लगी है। देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल,रुद्रपुर, काशीपुर ऋषिकेश यें ऐसे स्थान है जहां स्पा कि आड़ में जिश्मफरोशी का धंधा धड़ल्ले से तरक्की पर है।
आये दिन देवभूमि में कहीं न कहीं पुलिस कार्यवाही इन पर देखि भी जा सकती है। लेकिन बावजूद इसके इनका काला कारोबार दिन रात तरक्की पर है। जिससे यें भी साफ स्पस्ट हो जाता है कि क्षेत्र में जितने भी मसाज स्पा केंद्र चल रहे है। उन्हें किसी न किसी बड़े हाथ का संरक्षण प्राप्त है। वो चाहे देहरादून के स्पा हो या धर्म नगरी हरिद्वार के।
स्पा कहे या देहव्यापार? जानिये कैसे चलता है सारा खेल,
बता दें कि ज़ब ग्राहक इन मसाज केन्द्रो पर पहुँचता है तो बाहर रिसेप्शन पर उसे पैसे जमा करने होते है। जिसके बाद नाम मात्र के लिए उसका नाम व पहचान पूछी ली जाती है। उसके बाद उसे 30 मिनट, 1 घंटा,90 मिनट कि मसाज कि जानकारी दी जाती है, जिसमे 1 हजार से 3 हजार तक का उसे ऑफर मिलता है, और कुछ पैसे उससे कॉउंटर पर ही जमा करा लिए जाते है। उसके बाद उस ग्राहक के सामने 4 से 5 लड़कियां पेश कर दी जाती है। जिसमे से चुनी हुई लड़की को ग्राहक कमरे में साथ ले जा सकता है। अब अंदर कमरे में ग्राहक और मात्र एक लड़की होती है। जो चयनित समय सीमा को पूरा करने के बाद ही बाहर निकलती है। लेकिन यें कोई नहीं जानता कि इस समयकाल में उन दोनों के बिच क्या हुआ?
तो चलिए यह भी हम बताते है कि अंदर होता क्या है।
सवाल खड़ा होता है कि एक हजार से तीन हजार तक कि आखिर ऐसी कौन सी मसाज है जो MBBS व बड़े बड़े हॉस्पिटलो से भी महंगी है। यें लोग हॉस्पिटल छोड़कर इन स्पा केन्द्रो में लड़कियों से थेरेपी लेने पहुँचते है। तो आप को यह भी बता दें कि हॉस्पिटल में वो सुविधा नहीं मिलती जो इन स्पा केन्द्रो में मसाज के बाद मिलती है। जी हाँ वो सुविधा, जिसे समाज में कहीं जिश्म फरोशी कहा जाता है तो कहीं देहव्यापार का नाम दिया जाता है।
स्पा के बंद कमरे में बस इसी सुविधा का लाभ खुलकर मिलता है। बस शर्त यें है कि इसे मसाज का नाम देना होगा, मात्र 2 प्रतिशत स्पा केंद्र ऐसे हो सकते है जिनमे नियमानुशार ही कार्य चल रहा होगा
समाचारों एवम् विज्ञापनों के लिए संपर्क करें संपादक शिवाकांत पाठक 9897145867
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