मां की ममता को भूल गया फितरती इंसान पढ़िए सच क्या है! रिपोर्ट दीपक नौटियाल!
स. संपादक शिवाकांत पाठक!
रणविजय कुमार उत्तराखंड प्रभारी !
अपने बीमार बच्चे को मुंह में पकड़ कर अस्पताल पहुंची बिल्ली, डॉक्टर भी रह गए थे हैरान ,,
क्यों कि मां तो आखिर मां होती है धर्म कोई भी हो , जीव कोई भी हो मां की ममता के उदाहरण जरूर समय समय पर देखने को मिलते हैं लेकिन अफसोस है कि जिस मां ने मनुष्य को जन्म दिया उसे बेटा कहा हजारों दुख बेटे की खुशी के लिए सहे छुप छुप कर रोई लेकिन अपना दर्द बयां नहीं किया , उस मां को अपनी पत्नी के कहने पर वृद्धा आश्रम छोड़ने जैसे अमानवीय कृत्य को अंजाम देने में बेगैरत इंसान का दिल नही पसीजता जब कि मां के पैरों तले जन्नत होती है?
श्रीमदभागवत पुराण में उल्लेख मिलता है कि 'माताओं की सेवा से मिला आशिष, सात जन्मों के कष्टों व पापों को भी दूर करता है और उसकी भावनात्मक शक्ति संतान के लिए सुरक्षा का कवच का काम करती है।' इसके साथ ही श्रीमद्भागवत में कहा गया है कि 'माँ' बच्चे की प्रथम गुरु होती है।'
रामायण में श्रीराम अपने श्रीमुख से 'माँ' को स्वर्ग से भी बढ़कर मानते हैं। वे कहते हैं-
'जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गदपि गरीयसी।'
(अर्थात, जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है।)
महाभारत में जब यक्ष धर्मराज युधिष्ठर से सवाल करते हैं कि 'भूमि से भारी कौन?' तब युधिष्ठर जवाब देते हैं-
'माता गुरुतरा भूमेरू।'
(अर्थात, माता इस भूमि से कहीं अधिक भारी होती हैं।)
महाभारत में अनुशासन पर्व में पितामह भीष्म कहते हैं कि 'भूमि के समान कोई दान नहीं, माता के समान कोई गुरु नहीं, सत्य के समान कोई धर्म नहीं और दान के समान को पुण्य नहीं है।'
इसके साथ ही महाभारत महाकाव्य के रचियता महर्षि वेदव्यास ने 'माँ' के बारे में लिखा है-
'नास्ति मातृसमा छाया, नास्ति मातृसमा गतिः।
नास्ति मातृसमं त्राण, नास्ति मातृसमा प्रिया।।'
(अर्थात, माता के समान कोई छाया नहीं है, माता के समान कोई सहारा नहीं है। माता के समान कोई रक्षक नहीं है और माता के समान कोई प्रिय चीज नहीं है।)
कोरोना महामारी के बीच ऐसी खबरें या तस्वीरें सोशल मीडिया पर देखने को मिल जाती थीं जो चौंकाने वाली होती थीं ऐसी ही एक खबर और उसकी तस्वीर वायरल हो रही थी जिसमें एक बिल्ली अपने बीमार बच्चे को जबड़े में पकड़कर अस्पताल पहुंच गई।
यह मामला तुर्की के इस्तांबुल का है, बिल्ली और उसके बच्चे की फोटो को ट्विटर यूजर ओजकन ने शेयर किया है। इस फोटो में जैसे ही बिल्ली अपने बच्चे को लेकर पहुंची तो हॉस्पिटल का स्टाफ चौंक गया।
बिल्ली अपने बच्चे को अपने जबड़े में दबाकर पहुंची। जैसे ही वह अस्पताल में पहुंची तो स्टाफ वहां पहुंच गया। इस फोटो को पोस्ट करते हुए ओजकन नामक यूजर ने लिखा, 'आज हम इमरजेंसी रूम में थे, तभी एक बिल्ली अपने बीमार बच्चे को मुंह में दबाकर ले आई।
जैसे ही बिल्ली अस्पताल में अपने बच्चे को लेकर पहुंचती है, वहां मौजूद स्टाफ बिल्ली को खाना और पीने के लिए दूध देते हैं। और फिर बच्चे को लेकर स्टाफ इलाज के लिए अंदर चले जाते हैं।
निष्पक्षता के लिए संपर्क करें संपादक शिवाकांत पाठक 9897145867
Comments
Post a Comment