आखिर क्यों,,?सिर्फ कुछ ही समाज सेवियों तक समिट कर रह गया क्रमिक अनशन! नवोदय नगर हरिद्वार।
( आज एक व्यक्ति अकेला चिल्ला रहा है,, कल तुम सब चिल्लाओगे बस याद रखना,,)
संपादक शिवाकांत पाठक।
नवोदय नगर में बन रहे कुष्ठाश्रम के दूर गामी बुरे परिणामों को देख कर वास्तविक जनसेवी लोग बराबर अपना समय दे रहे हैं लेकिन जनता क्यों नहीं दिख रही जिसके लिए चंद लोग प्रशासन और शासन से बेखौफ होकर आने वाली पीढ़ियों को कुष्ठ जैसी संक्रामक बीमारियों से बचाव हेतु पुरी तरह से आवाज बुलंद कर रहे हैं,, यह एक सोचनीय पहलू है,, क्यों कि वास्तव में यदि यही कुष्ठ आश्रम विकास भवन में निर्माणाधीन होता तो शायद ऐतिहासिक परिवर्तन अपको देखने को मिल जाता ,, यह बात और है कि भारतीय जनता पार्टी के सिंबल से भारी बहुमत से जीते पार्षद सिंह पाल सिंह सैनी की हालत कर्ण जैसी दिख रही है,, शायद वे महसूस भी कर रहे होंगे,, क्यों कि कुंती पुत्र कर्ण को वास्तव में पांडव परिवार का होने के बावजूद भी तिरस्कार का सामना करना पड़ा,, तभी तो श्री कृष्ण पांडवों के साथ होने के बावजूद कर्ण की प्रसंशा करते हैं ,, वाह कर्ण धन्य है तुम्हारी वीरता और साहस को,, नवोदय नगर की जनता एक बार सोचने के लिए जरूर विवश होगी , तब जब कि आने वाले समय में यह कुष्ठ रोग संक्रामक होने के नाते अपना वास्तविक रूप दिखायेगा,, यही सत्य है,, जिसे आज क्रमिक अनशन के मंच से बार बार कहा जा रहा है,,,,
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