संपूर्ण विष्व की आस्था का केंद्र बिंदु उत्तराखंड में क्यों तोड़ दिया बाबा बौखनाथ का मंदिर,,,? उत्तराखंड !
( टनल में चल रहे कार्य के दौरान क्यों तोड़ा गया बाबा बौखनाग का मंदिर,,,? )
संपादक शिवाकांत पाठक!
सिर्फ भारत ही अपितु सम्पूर्ण विश्व की आस्था और विश्वास का प्रतीक देव भूमि उत्तराखंड में उत्तरकाशी में पहाड़ में सुरंग बनाने में आई अड़चन के चलते बाबा बौखनाथ का मंदिर तोड़ दिया गया था,, लोगो का कहना है कि बाबा के क्रोध का ही परिणाम है सुरंग में आए मलवे की घटना ,,
यह तो ध्रुव सत्य है कि सनातन धर्म के अंतर्गत तमाम ऐसे धार्मिक स्थल हैं जिनके रहस्यों की गुत्थियां आज तक वैज्ञानिक नहीं सुलझा पाए, क्यों कि मंदिर से जुड़ी ऐसी कई कहानियां हैं, जो सदियों से आज तक अपने आप में रहस्य ही बनी हुई हैं। ऐसा बताया जाता है कि मंदिर के ऊपर से कोई भी विमान नहीं उड़ सकता और तो और पक्षी भी उड़ने से डरते हैं। जानना चाहते हैं, मंदिर की ध्वजा सदैव चल रही हवा की विपरीत दिशा में लहराती है,, ये सब आप जाकर स्वयं देख सकते हैं,, तो फिर उत्तरकाशी में स्थिति बाबा बौखनाथ जो वहां के लोगों की आस्था का केंद्र बिंदु है उस ओर सुरंग बनाने वालों का ध्यान आकृष्ट क्यों नहीं हुआ,, जब कि यदि हम भारतीय संस्कृति और इतिहास की ओर नजर डालें तो राम चरित मानस में रावण की लंका तक पहुंचने के लिए समुद्र में पुल बनाने हेतु साक्षात ब्रह्म भगवान श्री राम ने समुद्र से विनती की है,, यह लेख देखने को मिलता है,, और यह भी स्पष्ट है कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम का चरित्र मानव जाति के लिए अनुकरणीय है,, जबकि रावण अहंकार वश भगवान राम की शक्ति को नहीं समझ पाता है,, विभीषण, हनुमान, अंगद, यहां तक कि उसकी पत्नी मंदोदरी भी उसे समझाती है लेकिन अभिमान वश वह नहीं मानता और अंत में विजय सत्य की ही होती है,, जंगलों में पैदल घूमने वाले राम को रावण कैसे मान लेता कि वे भगवान हैं,,?
आप थोड़ा विचार करें कि संपूर्ण विष्व की आस्था के केंद्र बिंदु देव भूमि उत्तराखंड के बुद्धिमान लोग ही यदि यहां की दैवीय शक्तियों को नकारने लगें तो नतीजा क्या होगा,,,,,?
गौर करें,,,,ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले अर्नोल्ड डिक्स ने भारत आने के बाद सिलक्यारी में मौके का मुआयना किया और फिर काम शुरू कर दिया। इससे पहले डिक्स ने एक चीज और की जिसने लोगों का दिल जीत लिया। डिक्स ने अपना काम शुरू करने से पहले सुरंग के बाहर स्थित मंदिर के सामने हाथ जोड़े। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में छह दिन पहले एक सुरंग धंस गई, जिसमें 7 राज्यों के 40 मजदूर फंसे हुए हैं. मजदूरों को निकालने के लिए रेक्स्यू लगातार चल रहा है, जिसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत कई नागरिक सुरक्षा बलों के जवान जुटे हुए हैं. इस हादसे को लेकर ग्रामीणों का मानना है कि सुरंग ढहने के पीछे स्थानीय देवता बाबा बौखनाग का प्रकोप है.
ग्रामीणों ने कहा कि बाबा बौखनाग के क्रोध के कारण सुरंग धसक गई, क्योंकि उनका मंदिर निर्माण कार्य के चलते ध्वस्त कर दिया गया था. लोगों ने कहा कि चारधाम ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट का काम चल रहा था. इसी में सुरंग बनाई गई थी, जिसका एक हिस्सा ढह गया था. निर्माण कंपनी ने मंदिर को तोड़ दिया था, इसी के कुछ दिनों बाद सुरंग ढहने से 40 मजदूर फंस गए.,
वहां पर मौजूद अधिकारियों द्वारा बाबा से क्षमा प्रार्थना की और प्रसाद चढ़ाने के लिए कहा , तबसे स्थिति काफी संतोष जनक सामने आई है,,
और सभी मजदूर वे किसी भी प्रांत के हों लेकिन सकुशल बाहर आएं और अपने परिवार से मिले यही उत्तराखंड की जनता चाहती है,,
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