उत्तराखंड ही नहीं वल्कि देश में डेंगू ने मचाया हाहाकार,, सिस्टम पर भारी पड़ रहा एडीज मच्छर !
संपादक शिवाकांत पाठक!
हर साल तमाम तरह की बीमारियों की चपेट में आने के कारण तमाम युवा वर्ग असमय की मौत के शिकार हो रहे हैं,, अब तक यदि गौर किया जाए तो हमरा सिस्टम स्वास्थ्य, शिक्षा एवम सुरक्षा के मामलों में नाकाम साबित हुआ,, आंकड़ों को छुपाने की कवायद तेज रही लेकिन मानवीय मूल्यों को तिलांजलि देने का परिणाम आपके सामने है,, डेंगू वायरस से पीड़ित लोगों के अब तक सामने आ चुके 3,167 केस,, तीन वर्ष पहले जब कोरोना वायरस ने दस्तक दी तब डेंगू के लिहाज से उत्तराखंड राहत में रहा। इसका कारण रहा कोरोना के निमित्त अत्याधिक कीटनाशक का छिड़काव। जिसकी वजह से डेंगू फैलाने वाले मच्छर का लार्वा नहीं पनप पाया लेकिन इस साल एडीज मच्छर फिर सिस्टम पर भारी पड़ रहा है। एक बार फिर डेंगू शिखर पर और व्यवस्था रसातल में है।
अब तक 16 की हो चुकी मौत
इस सीजन में अब तक राज्य में डेंगू के 3,167 मामले मिल चुके हैं। इनमें से 2,873 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में डेंगू के 278 मामले सक्रिय हैं। डेंगू से अब तक 16 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। यह पांच साल में डेंगू से हुई सर्वाधिक मौत हैं। इनमें 13 मरीजों की मौत देहरादून और तीन की नैनीताल जनपद में हुई है। देहरादून और पौड़ी डेंगू से सबसे अधिक प्रभावित जिले हैं।
रविवार को आए 59 नए मामले
रविवार को 59 नए मामले रविवार को प्रदेश के छह जिलों में डेंगू के 59 नए मरीज मिले। पौड़ी और बागेश्वर में सबसे अधिक 17-17 लोग डेंगू की चपेट में आए हैं। इसके अलावा नैनीताल में 11, देहरादून में छह, हरिद्वार में पांच और ऊधमसिंह नगर में तीन लोगों को डेंगू का डंक लगा है। राहत यह कि पिछले दिनों की तरह रविवार को भी डेंगू से किसी मरीज की मौत नहीं हुई
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