आखिर कौन लील गया तमाम तालाब ! हरिद्वार
! स संपादक शिवाकांत पाठक!
आप चौंक गए होंगे कि जिन तालाबों में मछलियां, सांप, ये तमाम जीव जंतु रहते हों उस समूचे तालाब को कौन खा सकता है किसका हाजमा इतना दमदार होगा ? जी हां धर्म नगरी में ऐसे लोग भी हैं एक ओर सुप्रीम कोर्ट सरकारों को तालाब सौंदर्य करण के आदेश दे रहा है दूसरी ओर सरकार के नुमाइंदे गाजर मूली की तरह तालाब को खा रहे हैं यहां पर बात करते हैं राम जोड़ा तालाब की जो किसी समय पर,12 बीघे जमीन में अपनी एक अलग पहचान बनाए हुए था इसी तालाब के किनारे पर गुरु नानक जी ने संत कबीर दास जी महराज से शास्त्रार्थ भी किया था जिस ऎतिहसिक तालाब पर पटवारी साहब की तिरछी नजर पड़ गई फिर क्या था शनि की वक्र दृष्टि के सामने तो विनाश होना तय होता है 8 बीघे तालाब को समूचा निगल कर हजम करने वाले पटवारी साहब की हाजमा सकती वाकई काबिले तारीफ है 5 फिट का आदमी 8 बीघे का तालाब खा गया तो सभी अधिकारी गण क्या करते रहे इसका मतलब साफ है कि सबने थोड़ा थोड़ा खाया होगा सिर्फ यही नहीं वल्कि हरिद्वार जनपद में यदि गौर किया जाए तो इस तरह के तमाम तालाब अपनी विनाश कथा कहते दिखाई देंगे लेकिन फुरसत किसे है भाई सभी सुबह से शाम तक दो वक्त की रोटी के लिए अपनी कलम को जेब में डाल कर घूम रहे हैं लेकिन तालाब बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष पवन दुबेदी का कहना है कि तालाबों के ना होने से वाटर लेवल में गिरावट आ रही है जिससे पानी का घोर संकट भविस्य के लिए खतरे का संकेत है इसलिए वे तालाबों के अस्तित्व की जंग वर्षों से लड़ते आए हैं व हाई कोर्ट में जाकर तालाबों की विधिवत कई जगह जांच भी हो रही है!
Comments
Post a Comment