अंधेर नगरी चौपट राजा वाली सड़क! हरिद्वार! मोहसिन अली जिला प्रभारी!
हरिद्वार। हाल ही में पीडब्ल्यूडी द्वारा कुंभ निधि के तहत 1 करोड़ 70 लाख रूपए की लागत से मंशा देवी हिल बायपास मार्ग का निर्माण व मरम्मत कार्य कराया गया हैं। लेकिन विभागीय मिलीभगत से मंशा देवी हिल बायपास पर चल रहा निर्माण कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया हैं। जिसका खामियाजा बरसाती दिनों में आमजन को भुगतना पड़ सकता हैं। अधिकारियों की उदासीनता का आलम यह हैं कि शासन-प्रशासन पूर्व में हुए हादसों से भी सबक लेने को तैयार नहीं हैं। हिल बायपास निर्माण कार्य के दौरान स्थानीय लोगों एवं व्यापरियों ने सड़क निर्माण कार्य में की गुणवत्ता को लेकर विभागीय ठेकेदार पर अनियमितता के आरोप लगाए थे। जिसके बाद सड़क का कुछ हिस्सा उखड़वाकर ठेकेदार को दोबारा बनाने की हिदायत लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा दी गई। परन्तु खानापूर्ति के लिए सड़क मार्ग का कुछ हिस्सा ही उखाड़वाया जा रहा हैं ,जबकि पूरी सड़क की गुणवत्ता पर ही सवाल उठ रहे हैं। लेकिन पूरे मामले में लीपापोती और सहभागिता से पर्दा डाला जा रहा है। इस दौरान न तो विभागीय अधिकारी निर्माण कार्यो को लेकर ही संजीदा दिखाई दिए और न ही निर्माण सामग्री की गुणवत्ता को लेकर ही संजीदा दिखाई दिए। तमाम अधिकारियों ने मौके पर जाकर निरीक्षण तो किया, लेकिन ठेकेदार द्वारा बरती जा रही अनियमितताओं पर आंखे मूंद ली। विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप सिर्फ स्थानीय लोगों का ही नहीं हैं, बल्कि मौके पर उखड़ती सड़क हिल बायपास मार्ग निर्माण कार्य में हुई धांधली और भ्रष्टाचार की सच्चाई खुद बयां कर रही हैं।
इतना ही नहीं करोड़ों रूपए खर्च करने के बाद भी मार्ग से सटे पर्वतों की मिट्टी व पत्थर सड़क पर न गिरे उसकी रोकथाम के लिए भी कोई पर्याप्त इंतजार नहीं किए गए हैं। रेतीले पहाड़ होने के कारण बारिश के मौसम में इनके दरकने का खतरा और बढ़ जाता हैं। अभी शुरूआती दौर में ही कई जगह दरकते पहाड़ से पत्थर व मिट्टी सड़कों पर गिरने का सिलसिला जारी हैं । जबकि मंशा देवी पैदल मार्ग पर मंदिर दर्शन को प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता हैं। बावजूद इसके प्रशासन श्रद्धालुओं व आमजन की सुरक्षा की अनदेखी करने पर तुला हैं। यह अनदेखी आगामी दिनों में कहीं न कहीं आमजन की जानमाल के लिए बड़ा खतरा बन सकती हैं। सड़क किनारे पहाड़ों पर लगे पेड़ गिरने की कगार पर हैं। जिसका कारण मार्ग चैड़ीकरण के लिया किया गया कटाव हैं। जिससे कभी भी कोई हादसा हो सकता हैं। जबकि प्रतिदिन मंशा देवी पैदल मार्ग से माता के दर्शन के लिए सैकड़ों श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता हैं। इस बात की जानकारी प्रशासन भी रखता हैं। मगर यहां विभागीय अधिकारी कम बजट का रोना रोने से बाज नहीं आ रहे हैं और कुंभ मेले के दौरान दो दिन मार्ग खोले जाने की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं।
ब्रह्मपुरी निवासी राज्य आंदोलनकारी सुरेन्द्र सैनी का कहना है कि रोड निर्माण के समय आपत्तियों से विभाग व प्रशासन को तमाम बार अवगत कराया गया। बावजूद इसके ठेकेदार पर आंख मूंदकर भरोसा करने वाले जनप्रतिनिधि व अधिकारी खामोश बने रहे। घटिया ढंग से कराए गए निर्माण को लेकर जितनी भी शिकायतें उठाई गईं अनसुनी रहीं। यह सब मिलीभगत और कमीशनखोरी का प्रमाण हैं। उनके मुताबिक यदि इस रोड के निर्माण कार्य की जांच कराई जाए तो घोटाले का सच सामने आ सकता है। बशर्ते ठेकेदार को पूरा-पूरा संरक्षण देने वाले जांच से दूर रखे जाएं।
क्या कहते हैं अधिकारी-
हिल बायपास पर सड़क निर्माण कार्य में अनियमितता की शिकायत मिली थी। जिसके बाद सड़क उखड़वाकर दोबारा बनवाई जा रही हैं। हमारा इस्टीमेट लगभग 28 करोड़ का था। लेकिन कुंभ के दौरान मार्ग दो दिन के लिए ही मार्ग खोला जाना हैं। इसलिए हम इसमें ज्यादा कुछ करा नहीं करा रहे हैं। पैचवर्क व थोड़ा बहुत कार्य करने के लिए कहा गया। सड़क चलेगी कहीं कोई दिक्कत नहीं हैं।
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