देखें प्रथुल लोचन ने क्या लिखा बाल गुरु पुस्तक के बारे में!!
सतीश शुक्ला आई पी एस पूर्व डी आई जी
स. संपादक शिवाकांत पाठक!
प्रथुल लोचन मैनेजिंग डायरेक्टर
लोब्रोस ट्रैवेल प्राइवेट लिमिटेड
हाल में सतीश जी की बाल-गुरु पढ़ी. यह पुस्तक www.navrasindia.com से उपलब्ध हुई. बाल-गुरु कई मायनों में एक अनोखी गाथा है. । यह उपन्यास उस जीवन के अनुभवों का पिटारा है जो हम सब जीते ही हैं. हमारे बाल्यकाल में ही हमारे भविष्य की नींव पड़ जाती है. जितनी गहरी नींव उतना ही बड़ा वटवृक्ष। हमारे जीवन पर माता-पिता का अमिट छाप तो पड़ता ही है लेकिन और भी कई लोगों का इस पर प्रभाव होता है। मित्रों का प्रभाव तो सर्वोपरि होता है। सही कहूँ तो सामाजिक जीवन की सर्वप्रथम सीख दोस्तों से ही मिलती है।आप जीवन की बारीकियां सीखते हैं और यही आपको जीवन में कुछ बनाता है। यह आप पर निर्भर है कि इन सीखों का उपयोग जीवन में किस प्रकार करते हैं...! #बाल-#गुरु के अध्यायों को पढ़ते पढ़ते उन चेहरों को याद करते हैं जो बाल्यकाल में संग थे और उनके व्यवहार-विचार जीवन के अंग बन गए। वो सारे लोग एक-एक कर के सजीव हो उठते हैं। आज आप जो भी हैं उसमें उनकी बड़ी भूमिका है। इतने अच्छे उपन्यास के लिए श्री सतीश शुक्ला जी बहुत - बहुत बधाई के पात्र हैं!
समाचार तथा विज्ञापनों के लिए संपर्क करें संपादक शिवाकांत पाठक हरिद्वार उत्तराखंड,,, 9897145867,8630065119
पृथुल जी का हार्दिक आभारी हूं।
ReplyDelete