रक्तबीज की तरह सोसल मीडिया पर पनपती खबरें चौथे स्तम्भ की विडंबना। स.संपादक शिवाकांत पाठक।
घटना के तुरन्त बाद खबरों को पेस्ट कर खबरो के महाबलियों की भुजाएं फड़कने लगातीं हैं,, एक ही ख़बर को सैकड़ों लोगों द्वारा वायरल कर वीवर्स बढ़ाने की मुहिम सोसल मीडिया जगत में वृहद रुप लेती जा रही है,, खबर बस पलटने के लेकर थी,, तो बस आधुनिक अल्पज्ञान में सिमटती पत्रकारिता में ज्वालामुखी फूट पड़ा,, कोइ लिख रहा है कि बस देहरादून से आ रही थी तो किसी ने लिखा जा रही थी,, जिसके पास जितना फायदेमंद नुक्सा था अख्तियार किया,, लेकिन इन खबरों से वास्तव में देश आगे बढ़ेगा या आम जनता की समस्याएं दूर हो सकती है ऐसा सोचना निष्प्राय है,,
लोगों को चौंकाते हैं सड़क हादसों के आंकड़े 👇🏽
उत्तराखंड में अगर सड़क हादसों की आंकड़ों की बात करें तो 5 सालों में लगभग 7000 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं. जिसमें 5 हजार 40 से अधिक मौतें अब तक हो चुकी है. साल 2022 की बात करें तो इस साल लगभग 500 सड़क हादसे हुए. जिसमें 300 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. यह आलम तब है जब उत्तराखंड में गढ़वाल का एक बड़ा हिस्सा ऑल वेदर रोड का इस्तेमाल कर रहा है. बावजूद इसके सबसे अधिक सड़क हादसे गढ़वाल क्षेत्र में ही हो रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि सड़क दुर्घटनाओं की मुख्य वजह अच्छी सड़कों पर तेज रफ्तार से गाड़ी चलाना है. साथ ही सीमित सवारियों से अधिक सवारी ले जाना आम बात हो चुकी है,,
सिर्फ घटना को प्रसारित करने से घटनाक्रम नहीं रुक सकते,पत्रकारिता राष्ट्र और समाज के लिए एक अहम भूमिका निभाती है इसलिए घटनाओं की तह तक पहुंचकर हमको यदि हमारे पास है तो अपने विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए ,, ताकि आने वाले समय में लगातर होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके और दोषियों की भी कार्य प्रणाली में सुधार हो सके,,
उत्तराखंड के हरिद्वार में आज रविवार (14 जुलाई) को देर शाम मुरादाबाद रोडवेज डिपो की एक बस हादसे का शिकार हो गई. मुरादाबाद रोडवेज की बस हरिद्वार में हर की पौड़ी के पास पुल से नीचे गिर गई. इस हादसे में कई यात्रियों के घायल होने की खबर है, दो दर्जन से ज्यादा लोगों को पुलिस ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया है. हरिद्वार से देहरादून जा रही यह बस दीनदयाल उपाध्याय पार्किंग में गिरी है.
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