( कलयुग के भगवान )
हो कलियुग के पूज्य तुम महिमा तेरी महान।
बिना तुम्हारे एक पग चले ना हिंदुस्तान।
दोनो हाथों में तुम रहते।
जो कुछ पूछो तुम वो कहते।।
तुममे है संसार समाया।
तू ही जानें तेरी माया।।
वाट्स एप भी एक रुप तुम्हारा।
सबसे सुन्दर सबसे न्यारा।।
बिना डाक खबरे पहुचाये।
बच्चे बूढ़े सभी चलाएं।।
एफ बी का है काम निराला।
जिसने सारा ज्ञान संभाला।।
मुफ्त नृत्य का लाभ दिलाए।
हर मन की वो बात बताए।।
तुम यू ट्यूब तुम्ही गूगल हो।
तुम ही आने वाला कल हो।।
तंत्र मंत्र कोइ काम ना आवै।
फ़ोन सभी के मन को भावै।।
दारू,गांजा, भांग सब छोड़ देय इंसान,,,
तुम बिन जग सूना लगे कलयुग के भगवान।।
मोबाईल प्रेमियों को सप्रेम भेंट
स्व रचित मौलिक रचना
स.संपादक शिवाकांत पाठक
वी एस इंडिया न्यूज चैनल परिवार हरिद्वार उत्तराखंड
संपर्क सूत्र 📲9897145867
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