जहां इंशानियत अक्सर हमेशा हार जाती है!




 जहां इंशानियत अक्सर हमेशा हार जाती है!


 जहां अपने ही मुंह मोड़ें वहां आंसू बहाती है!!


बड़े विश्वास से दिल मैंने सबका जीतना चाहा!


मगर परिणाम कहने में मुझे भी शर्म आती है!!


जहां इंशानियत अक्सर हमेशा हार जाती है!


मैं इक इन्सान हूं इंशनियत से प्यार करता हूं!


दुखे न दिल किसी इन्सान का हर पल मैं डरता हूं!!


नहीं है गम मुझे इस बात का तुमने न पहिचाना!


सदा ही आदमियत आदमी को आजमाती है,,,


जहां इंशानियत अक्सर हमेशा हार जाती है! 



दीपक नौटियाल समाज सेवी


चेयरमैन प्रतिनिधि


नवोदय नगर हरिद्वार उत्तराखंड


🙏🙏🙏🙏🙏🙏



अपनी रचनाएं, गीत, कविता, के लिए ऊपर दिए गए नंबर पर सेंड करिए 

Comments

Popular posts from this blog

कैसे बचेगी बेटियां,? नवोदय नगर में दिन दहाड़े प्रेमी ने गला रेत कर कर दी हत्या,! हरिद्वार,!

फुटबॉल ग्राउंड फेज 1 जगजीतपुर कनखल थाना क्षेत्र में घर में घुसकर बदमाशों द्वारा की गई मारपीट,,,!हरिद्वार,!

नवोदय नगर में घटी बहुत ही दुखद घटना!