सुदृढ़ सुरक्षा हेतु आई पी एस अजय सिंह को समर्पित रचना !

  



हमारे देश में  कोई मुसीबत जब भी आती है!


प्रकृति की शक्ती तब खुद संतुलन अपना बनाती है!


कभी न हो पराजित सत्य बस इस बात की खातिर!



 किसी भी रुप में वह शक्ति बनकर छा ही जाती है!!


यही वह देव भूमि है जहां सब सर झुकाते हैं!


 

यहां अपराधियों के हौंसले भी डगमगाते हैं!!



हैं जिम्मेदार इतने शख्त  इतना खौफ है उनका!


जो ठेकेदार हैं अपराध के वो  थरथराते हैं!!


यही वह देव भूमि है जहां सब सर झुकाते हैं!



  जहां होने लगे हों पाप सीमा से अधिक तो फिर,,,


प्रकृति की शक्ती तब खुद संतुलन अपना बनाती है!



हमेशा कर्म से इंसान की पहचान होती है!


ये तब भी जागते रहते हैं दुनियां घर में सोती है!


बिना ईश्वर की मर्जी के यहां पत्ता नहीं हिलता !


धरम नगरी की बगिया में अनोखा फूल ना खिलता!


प्रकृति की शक्ती तब खुद संतुलन अपना बनाती है!




हों अत्याचार धारती पर धरा तब डग मगाती है,,,






स्वरचित मौलिक रचना


स.संपादक शिवाकांत पाठक


वी एस इन्डिया न्यूज चैनल परिवार हरिद्वार उत्तराखंड

 संपर्क सूत्र,📞9897145867


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