जरूर पढ़े,,,देव भूमि में भगवान शंकर का अभिनंदन,,,,,
हे गरल पान करने वाले भोले कैलासी तुन्हे नमन है!
देवभूमि में अभिनंदन है, देव भूमि में अभिनंदन है,,,!!
कालों के तुम महाकाल हो अजर अमर अविनाशी!
महादेव क्या कहूं आप तो हैं घट घट के वासी!!
अंतर्मन की हृदय वेदनाएं कैसे बतलाऊँ!
हे गंगाधर अपनी पीड़ा कैसे तुम्हे बताऊं!!
उमापति आओ धरती पर अर्पण तुमको तन मन धन है!
देव भूमि में अभिनंदन है,,, देव भूमि में अभिनंदन है,,,,,
कैलसी हे पर्वत वासी कुछ तो दया दिखाओ!
नेत्र तीसरा खोलो अब आकर तुम पाप मिटाओ!!
अन्याई अत्याचारी की शक्ती यहां प्रबल है!
आशुतोष अब दया करो प्रभु न्याय यहां घायल हैं!!
हनुमान बन कर आना प्रभु कहता सबका अंतरमन है,,,,,
देव भूमि में अभिनंदन है,,, देव भूमि में अभिनंदन है,,,
महा शिवरात्रि पर्व पर समर्पित रचना 🙏
स. संपादक शिवाकांत पाठक हरिद्वार उत्तराखंड
संपर्क सूत्र 9897145867
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