कलमकार आज भी सत्य लिखते हैं जो बिकते हैं वे हैं फ्राड मीडिया!
( शासन प्रशासन को शीघ्र ही अवैध पोर्टल, अनियमित अखबारों, पत्रिकाओं पर रोक लगाना चाहिए वरना परिणाम बेहद सोचनीय होंगे)
समय के अनुसार सोसल मीडिया ने पुरी तरह हमारे देश में शिकंजा कस लिया है जिसके परिणाम आप सभी के सामने हैं, पत्रकारों की वास्तविकता पर शासन प्रशासन की मूक कार्यशैली अपराध जगत को बढ़ावा दे रही है,, क्यों कि कलम उन सभी के हांथों में है जो उसकी वास्तविकता नहीं जानते ,, सूचना एवम् प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार की तमाम शर्तो को दरकिनार कर तमाम अखबार, भी अनियमित होने के बावजूद अपना वर्चस्व कायम रखने में कामयाब हैं ,, प्रशासन की नजरंदाजी के कारण सूचना प्रौद्योगिकी की तमाम नियमावली को तोड़ते हुए , नाबालिग, अशिक्षित, युवा यू ट्यूब पर अपना चेनल बना कर हाथों में आई डी लेकर घूम घूम कर अवैध कार्यों में लिप्त लोगों से अपने वजूद का सौदा कर रहे हैं ,, इन तमाम सवालों के घेरे में है हरिद्वार सूचना विभाग,, क्यों कि आखिर रक्त बीज की तरह पनपने वाली इस आधारहीन कथित पत्रकारिता पर सूचना विभाग क्यों कोई भी कार्यवाही अमल में नहीं लाना चाहता,, चौथे स्तंभ की गरिमा बनाए रखने हेतु जिम्मेदार अधिकारीयों का उत्तर दायित्व बनता है ,, ताकि पत्रकारिता की छवि धूमिल न हो,,,
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