कौन जीत रहा है पत्रकार साहब,,,?हरिद्वार!
स संपादक शिवाकांत पाठक!
यह सवाल जनता के ज्यादातर लोग पत्रकारों कर रहे हैं ऐसा क्यों,,? क्यों कि पत्रकार समाज की आत्मा, या आईना कहलाता हैं पक्ष हो या विपक्ष या फिर निर्दलीय समर्थक सभी के पास जाता है और लोगों के विश्वास का पात्र भी एक सफल पत्रकार होता है,, अख़बार वाले पहले से ही जनता के मन को जान कर बता देते है की समीकरण क्या है,, और सच यही है की जो मन में चल रहा होता है वह जुबान पर जरूर आता है,,
नवोदय नगर अपार जन समुदाय के कारण राजनीति का गढ़ या केंद्र माना जाता है यहाँ पर करीब 12000 वोटर हैँ जो की सिर्फ नगर निकाय ही नहीं वल्कि लोकसभा और विधान सभा चुनाव भी अहम् भूमिका निभाने का कार्य करते हैँ,,
मतदान एक संबैधानिक अधिकार है जिसे यूं ही नहीं गावाया जा सकता क्योकि मतदाता की छोटी सी भूल से क्षेत्र का इतिहास दाँव पर लग सकता,,
तो फिर आकलन क्या कहता है,,,?
जिस व्यक्ति से लोग परिचित हों जो व्यक्ति जनता के दुख सुख में सहभागी रहा है जनता का रुझान भी उसी ओर होना स्वभाविक़ हैँ और जिस व्यक्ति के पीछे आवाम चल रहा हों उस व्यक्ति पर ईश्वरीय शक्तियों का वरद हस्त होना स्वाभाविक है,,
साथ ही परिवर्तन तो संसार का अटल सत्य है जिसे नकारा नहीं जा सकता,, श्रीमद भगवत गीता में भी श्री कृष्ण कहते हैँ,, यदा यदा हि धर्मस्य,,,
दूसरी ओर श्रीमद भागवत देवी पुराण जो की पुराणों में श्रेष्ठ माना जाता उसमे माँ आदि शक्ति स्वयं कहती हैँ की मैं ही प्रकृति हूँ,, अहम् अखिलम जगत शून्यम च''
वहीं भगवान शिव भी कहते हैं कि जस क्षण रघुपति जस करें, तस क्षण तस मति होय,, वही होता है जो ईश्वर चाहता है,, तो फिर जिसके पीछे सैकड़ो लोग
चल रहे है उन लोगों को ईश्वर प्रेरित कर रहा है यही सत्य है!
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