इस्लाम धर्म का सबसे महत्वपूर्ण रमजान का महीना होता है। रुस्तम अहमद,,रोशनाबाद हरिद्वार।

 




स.संपादक शिवाकांत पाठक।


 कल 12 मार्च से रमजान का महीना शुरू हो जाएगा और इसी दिन रमजान का पहला रोजा रखा जाएगा. इस्लाम धर्म में रोजा रखने का मतलब है, खुद को खुदा के लिए समर्पित करना. ये रोजा पूरे एक महीने तक सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त रखा जाता है. इसके साथ ही रमजान के महीने में सहरी और इफ्तार की परंपरा भी निभाई जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सहरी और इफ्तार की परंपरा कैसे निभाई जाती है. जानने के लिए पढ़ें ये लेख…



इस्लामिक परंपराओं के अनुसार, रमजान के महीने में रोजा रखने वाले अगर सुबह सूर्योदय से पहले कुछ खा लेते हैं तो उसे सहरी कहते हैं और पूरे दिन इबादत कर शाम को सूर्यास्त के बाद खुदा से दुआ करने के बाद उपवास तोड़ा जाता है, जिसे इफ्तार कहा जाता है. रोजे के दौरान कुछ भी खाने या पीने की अनुमति नहीं होती है. आइए जानते हैं कि किस शहर में कितने बजे सहरी और इफ्तार की परंपरा निभाई जाएगी.

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