कांव कांव,,चुनावी मेढक टर्राने लगे हैं, लगता है चुनाव आ गया,,। हास्य व्यंग लेख।
स.संपादक शिवाकांत पाठक।
होसियार सिंह,,, यार भाई मतलबी राय जी,, ऐसा लग रहा है कि चुनाव करीब आ चुके हैं,,
मतलबी राय,,, क्यों,, ऐसा क्यों लग रहा है तुझे,,
होसियार सिंह,,, इसलिए भाई क्यों कि जिनको अभी तक सालों से किसी ने नहीं देखा आज वे
घरों में आकर हांथ जोड़ रहे हैं,, तमाम झूठे वायदे फिर से कर रहे हैं ,, पहले भी किए थे और अब भी कर रहे हैं,, इसका मतलब यही है कि चुनाव आ गए हैं,, क्यों कि नेता अब फिर टर्र टर्र कर रहे हैं,,,
मतलबी राय,,, तू सही बोल रहा है,,, टर्र टर्र का मतलब होता है कि चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है और चुनाव जरूर होंगे,, तमाम लोग फिर से एक वी आई पी व्यक्ति को चुनेंगे,,,, कल मैने भी देखा था एक मेढक जोर जोर से टर्रा रहा था लाली पॉप के गुब्बारे,, खयाली पुलाव के मंच भी कल मैने देखे हैं,,
लेकिन जो मंच पर टर्रा रहा था वह एक विशेष प्रजाति का मेढक था उसके टर्राने का अंदाज ही काबिले तारीफ था,, मैने कई फिल्में देखी है लेकिन,, इस तरह तो कोई भी फिल्मी अभिनेता भाई नहीं टर्राता,, जैसा कि कल मंच पर एक चुनावी मेढक टर्राने लगा,, वाह भाई मजा आ गया,,,
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