नवोदय नगर मे धूमधाम से महिलाओ एवम पुरुषो ने मनाया हरेला पर्व,,!
स संपादक शिवाकांत पाठक,,,
गणेश एंकलेव मे अक्षरा प्रॉपर्टी डीलर एवम बच्चों तथा तमाम नारी शक्ति ने वृक्षारोपण कर हरेला पर्व की सार्थकता सिद्ध करते हुए उत्तराखंड वासियों को हरेला पर्व की हार्दिक शुभकामनायें प्रदान की,,
उत्तराखंड में हरेला पर्व हरियाली और अच्छी फसल की कामना के साथ मनाया जाता है। यह पर्व प्रकृति और कृषि का उत्सव है, और इसे भगवान शिव और पार्वती के विवाह से भी जोड़ा जाता है। हरेला, उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में विशेष रूप से मनाया जाता है, और यह सावन के महीने के आगमन का प्रतीक है.
हरेला क्यों मनाया जाता है:
हरियाली और फसल का प्रतीक:
हरेला, हरियाली और नवजीवन का प्रतीक है। यह पर्व अच्छी फसल और समृद्धि की कामना के साथ मनाया जाता है.
हरेला उत्तराखंड के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण कृषि पर्व है। यह बुवाई के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है, और लोग इस दिन अच्छी फसल की प्रार्थना करते हैं.
हरेला पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह से भी जुड़ा है। यह पर्व भगवान शिव को समर्पित है और इस दिन शिव परिवार की पूजा की जाती है.
हरेला पर्व, पर्यावरण संरक्षण और हरियाली को बढ़ावा देने का भी एक अवसर है। इस दिन लोग पौधे लगाते हैं और प्रकृति के महत्व को समझते हैं.
Comments
Post a Comment