केवल बुद्घिमानों के लिए ,कड़ुआ सच है आपके सामने
स संपादक शिवाकांत पाठक
दो सांसों का गुब्बारा है भूल गया इंसान!
दौलत शोहरत पाकर खुद को समझ रहा भगवान!!
मौत और जीवन के पहले क्या तुमको करना था!
बुरे काम करने से पहले ही तुमको डरना था!!
भूल गए तुम चंद दिनों का जीवन एक सफ़र है!
हर पल तुझ पर ऊपर वाला रखता सदा नजर है!!
साथ नहीं कुछ जाने वाला तू कितना अंजान!
दौलत शोहरत पाकर खुद को समझ रहा भगवान!!
छोटा बड़ा नहीं है कोई सबमें वहीं समाया!
कब किससे कैसे मिलना है तुझको राश ना आया!!
मैं सबमें हूं सब मुझमें हैं ये सब तू क्या जाने!
मानव होकर भूल गया अब कौन आए समझाने!!
रखना याद हमेशा तू भी कुछ पल का मेहमान!
दौलत शोहरत पाकर खुद को समझ रहा भगवान!!
रचना=
स. संपादक शिवाकांत पाठक उत्तराखंड वी एस इन्डिया न्यूज चैनल दैनिक साप्ताहिक विचार सूचक समाचार पत्र सूचना एवम् प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संपर्क📞9897145867📞📞📞📞📞📞
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