व्यर्थ संकल्पों से परहेज करें, संकल्प रूपी एक्सट्रा भोजन न लें

 


मनोज श्रीवास्तव सहायक सूचना निदेशक देहरादून (नोडल अधिकारी कुंभ)


महीनता ही महानता है, ज्ञान और योग के पंख से ऊंचाई पर जाते हैं। ड्रील करके ईगो को समाप्त कर लेने पर हल्कापन आ जाता है, मोटापन नहीं रहता है, मोटापन एक बोझ के समान है। भिन्न-भिन्न प्रकार के बोझ वाले अथार्त मोटी बुद्धि वाले अनेक मिलते हैं। कुछ लोग मोटेपन के कारण अपने को मोड़ना चाहते हैं, तो नहीं मोड़ पाते हैं। ऊपर जाने के बदले बार-बार नीचे आ जाते हैं। आत्मा का भारीपन मोटापन कहलाता है। 


आजकल के डाक्टर मोटेपन को कम करने पर बहुत जोर देते हैं। वजन कम कराते हैं, हल्का बनाते हैं, उसी तरह आत्मा के ऊपर का वजन एक बोझ है। इसलिए मोटी बुद्धि बनने से बचने के लिए बोझ को हटाकर महिन बुद्धि बनना है। मोटेपन को मिटाने का श्रेष्ठ साधन है एक्सरसाइज करना और फिक्स रूप में परहेज करना। वैसे ही अपनी बुद्धि को बार-बार आत्मिक स्वरूप में लाने के लिए एक्सरसाइज करना है। बुद्धि का भोजन है संकल्प, इसलिए नकारात्मक संकल्पों से परहेज करें। जिस समय जो जरूरी है, उसी रूप में संकल्प रूपी भोजन को ग्रहण करें। व्यर्थ संकल्पों से परहेज करें, अथार्त संकल्प रूपी एक्सट्रा भोजन न लें। 


परहेज के लिए सेल्फ कंट्रोल या स्वयं पर नियंत्रण होना जरूरी है, अन्यथा परहेज को पूर्ण रूप से पालन नहीं कर सकते। सेल्फ कंट्रोल अथार्त जिस समय जैसा चाहें, जहां बुद्धि लगाना चाहें, लगा लें। इसके लिए महिन बुद्धि बनना होगा। इसीलिए कहा जाता है महीनता ही महानता है। इसलिए हम अपने भीतर के अनेकों प्रकार के मोटेपन को मिटा लें। 


मोटेपन को मिटाने के लिए जब चाहें, जो चाहें, जैसा चाहें, वैसे ही अपने स्वरूप में स्थित होने के लिए एक्सरसाइज की प्रैक्टिस करना है, अभी-अभी ऊपर और अभी-अभी नीचे। जिसको यह प्रैक्टिस नहीे होती है, वह यह कार्य मुश्किल से कर पाते हैं। इसके लिए ऊंची से ऊंची स्थिति में स्थित हो जाएं। हैंडसअप कहा जाए तो हैंडसअप कर लें।


जो भारी होता है, वो फास्ट नही जा सकता है। किसी भी प्रकार का भारीपन व बोझ नही रखें। यदि निरंतर योग नहीं लगता है तो इसका मतलब है भारीपन है, ओर बोझ है। बोझ हमको नीचे लाता है। नीचे आना ही यह सिद्ध करता है कि हमारे ऊपर बोझ है। 


उड़ना अथार्त ध्यान योग में रहना है। इसलिए बुद्धि के विमान में बैठकर जब चाहें, जहां चाहें, जैसे चाहें पहुंच जाएं। यह मोटी बुद्धि वाले नही कर सकते है, बल्कि महिन बुद्धि वाले ही कर सकते हैं। मोटी बुद्धि वाले जहां नही जाना चाहिए वहां पहुंच जाता है और जहां जाना चाहिए उसे छोड़ देते हैं। इससे टाइम वेस्ट होता है और एनर्जी भी नष्ट होती है।

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