अचानक भीषण गर्मी का कारण क्या है, अभी भी समय है संसार को विनाश से बचाने का।

 


स.संपादक शिवाकांत पाठक।


पूर्व जन्म एवम् इस जन्म के जो पाप हमें रोग के रूप में आ कर, पीड़ित करते हैं, उन का निराकरण कर ने के लिए डॉक्टर दवाइयां देता है परहेज बताता है,, ब्राम्हण व्यक्ति दान, मंत्र जप, पूजा, अनुष्ठान बताता है।



निस्वार्थ भाव से राम का नाम लें,,,

जब कि केवल यह ही नहीं, वल्कि तमाम तरह के रोगों से छुटकारा पाने के लिए हमें गलत काम कर ने से भी बचना चाहिए। तभी हम पापों के दुष्प्र-भाव से होने वाली बीमारियों से मुक्त हो सकेगें ,,, यह प्रकृति का सिद्धांत है,,,


प्रकृति यानि की जमीन आसमान, पेड़ पौधे, जीव जंतु, चांद, सूरज, हवा, आदि को मानव ने नहीं बनाया ना ही बना सकता है,, तो फिर अपनी सुविधा के लिए पेड़, पहाड़ आदि काटना प्रकृति के साथ खिलवाड़ करना क्या उचित है,, क्या मानव यह भूल गया है कि प्रकृति से ही वह उत्पन्न हुआ है,, प्राकृतिक प्रकोप से उसे ना तो उसका अपना ज्ञान बचा सकता है ना ही विज्ञान,, क्यों कि प्रकृति का संचालन जो भी कर रहा है उसके अपनें कुछ नियम कानून हैं जिन्हे मनुष्य नहीं जान सका,, सुनामी, भूकंप, तूफान,, दैवीय आपदाएं,, भू स्खलन आदि ये सब कुछ प्राकृतिक प्रकोप है,, इससे बचने के लिए आपको अपनी गलती स्वीकार करना होगी,, भूल सुधार के लिए मानव जाति को की गई गलतियों के लिए प्रथ्वी पर वृक्ष लगाना होगें,, अपनी महत्वाकांक्षाओ के सीमित दायरे में रखना होगा,, ए सी, कूलर, फ्रिज आदि आधुनिक सुविधाओं का परित्याग करना होगा,, क्यों कि जब ये सब कुछ नहीं था तब मानव जीवन पूरी तरह से सुरक्षित था लेकिन अब,, प्राकृतिक प्रकोप का शिकार हो रहा है आज मानव,,,


क्या भगवान ऊपर वाला बहुत कठोर और निर्दयी हैं ? नहीं,,,


जबकि ऐसा कुछ नहीं है हम करेंगे तो खुद ही भुकतेंगे!

इसलिए हमें अपनी परेशानियों और पीड़ाओं के लिए भगवान को दोषी नहीं मानना चाहिए।

यदि आप सह्गुनी हैं, तो आप जीवन में संपन्न और सुखी रहते हैं। क्यों कि रिश्वत से या झूठ बोलकर धन कमाने से जो बीमारियां उनके परिवार को भोगना पड़ती हैं यह वे लोग जान कर भी अंजान बनते हैं,, हाई ब्लड प्रेशर, शुगर, पैरालायसिस, बदहजमी, गैस,, आदि तमाम बीमारियों का शिकार वही लोग ज्यादातर होते हैं जिनके पास अवैद्य रुप से कमाया हुआ धन होता है,, प्रमाण प्रस्तुत है,, कई लोग आज भी आपको सपरिवार निरोग ऐश्वर्यवान एवं सुखी दिखते होंगे,, क्यों कि वे लोग अन्याय अनाचार से बचते हैं,, निस्वार्थ सेवा में समर्पित रहते हैं,,




यदि आप लोगों को सताते हैं, या पाप कर्म करते हैं, तो आप पीड़ित होते हैं, और तरह तरह की बीमारियाँ कष्ट देती हैं।

हमारे कार्यों का हम पर निश्चित रूप से असर होता है। कभी हमारे कर्मों का प्रभाव इसी जन्म में तो कभी अगले जन्म में मिलता हैं, लेकिन मिलता जरुर है।

हम अपने कर्मों के प्रभाव से कभी मुक्त नहीं होते, यह बात अलग है, कि इस का प्रभाव तुरंत दिखाई न दे। लेकिन देता जरूर है!

इस लेख में इस बात का विवरण प्रस्तुत किया जा रहा है, कि हमारे पाप (बुरे कर्म का फल )हमें किस रूप में लौट कर मिलते हैं, और पीड़ित करते हैं।

यदि आप किसी रोग से पीड़ित है, तो ये समझें कि आपने जरूर कोई पाप पूर्व जन्म में किया है।

आप के बुरे कर्म द्वारा होने वाली, कुछ बीमारियों को साकेंतिक रूप में नीचे दिया जा रहा है।

1:- लोगों का धन लूटने वाले,डायबटीज़ और यूरिन मे प्रॉब्लम!

2:- पढ़े लिखे ज्ञानीजन के प्रति दुर्भावना से काम कर ने वाले, व्यक्ति को सिर दर्द की और शरीरिक मोटापे से परेशान!

3 :- हरे पेड़ काटने वाले और सब्जियों की चोरी करने में लगे व्यक्ति, अगले जन्म में शरीर के अन्दर अल्सर (घाव) और स्कीन की एलर्जी से पीड़ित होते हैं।

4 :- झूठे और धोखाधड़ी करने वाले, लोगों को उल्टी और टेंशन डिप्रेशन की बीमारी होती है।

5 :- गरीब लोगों का धन चुराने वाले सांस, दमा, जोड़ों का दर्द की बीमारी होती है!

6 :- यदि कोई समाज के श्रेष्ठ पुरुष (विद्वान) की हत्या कर देता है तो उसे तपेदिक रोग होता है।

7:- गाय का वध करने वाले, कुबड़े और अपंग बनते है!

8:- निर्दोष व्यक्ति का वध करने वाले को, कोढ़ होता है।

9:- जो अपने गुरु का अपमान करता है, उसे मिर्गी का रोग और सांस का रोगी, फेफड़े मे इन्फेक्शन होता है।

10 :- वेद और पुराणों का अपमान और निरादर करने वाले व्यक्ति, को बार-बार पीलिया होता है।

11:- झूठी गवाही देने वाले, व्यक्ति अदरँग होता है!

12:- पुस्तकों और ग्रंथो की चोरी करने वाले, व्यक्ति सनकी (शक करने की आदत )हो जाते हैं।

13:- गाय और विद्वानों को लात मारने वाले, व्यक्ति अगले जन्म में लगड़े बनते हैं।

14:- दूसरों को कटु वचन बोलने वाले, अगले जन्म में हृदय रोग से कष्ट पाते हैं।

15:- जो सांप, घोड़े और गायों का वध करता है, वह संतानहीन होता है।

16 :- कपड़े चुराने वालों को चर्म रोग और बवासीर की दिक्कत रहती है!


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17 :- पर-स्त्रीगमन करने वाला, अगले जन्म में कुत्ता बनता है।

18:- जो दान नहीं करता है, वह गरीबी में जन्म लेता है।

19:- आयु में बड़ी स्त्री से सहवास करने से, डाय-बिटीज रोग होता है।

20:- जो अन्य महिलाओं को कामुक नजर से देखता है, उस की आंखें कमजोर होती है!

21:-चुगली करने वाले (औरत या मर्द )मोटापे, बवासीर, पेट की बिमारियों से ग्रस्त होता है!

22. बहन जैसी औरत का नजाज फाइदा उठाने वाला स्कीन अलर्जी, मानसिकता तनाव मे रहता है!

23. सुसराल को परेशान करने वाले (औरत या मर्द )ऐसी बीमारी से ग्रस्त होते है जिसका पता ही ना लगे कौन सी बीमारी है!

24. भाइयों को परेशान या धोखा देने वाला ब्लड प्रेशर शरीरक दर्द की बीमारी से परेशान रहता है!

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