वायरल विडियो का सच,,,गंगा दशहरा स्नान के दौरान पुलिस और यात्री के बीच विवाद प्रकरण।हरिद्वार।
स.संपादक शिवाकांत पाठक।
रिपोर्ट शाहिद अहमद,,,, कमियों को छिपाने का सिलशिला शदियों से बादश्तूर चला आ रहा है,, इतिहास गवाह है कि आज तक अपनी गलती को कभी भी किसी ने नहीं स्वीकारा,, इसी के अनेकानेक उदाहरण भारतीय इतिहास में देखने को मिलते हैं,, क्यों कि अपनी गलती पर यदि आत्मसात किया होता तो महाभारत जैसा डरावना विनाशकारी युद्ध ना होता,, राम रावण युद्ध ना होता,, यही नहीं बल्कि यदि मानव ने अपनी गलतियों को स्वीकारा होता तो आज आसमान से सूर्य की किरणे कहर नहीं बर्षाती,,
बात एक वायरल विडियो की है वायरल फीवर की नहीं जिसे बिना सोचे समझे बेवजह इतना वायरल किया गया कि जिले की सुरक्षा का उत्तरदायित्व संभालने वाले आई पी एस प्रमेंद्र डोभाल जी को स्वयं उपरोक्त विडियो की सच्चाई को उजागर करना पड़ा,,
क्यों कि यह सत्य है कि सत्य की अन्त में विजय होती है लेकिन सत्य को छिपाना भी बेहद दुखद होता है जिससे अपराधियों को बल मिलता है,,,
पढ़िए पूरी सच्चाई,,,👇🏽
रविवार को गंगा दशहरा स्नान के दौरान ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र के हरिलोक तिराहे पर घटी एक घटना जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें एक वीडियो कार सवार यात्री पुलिसकर्मी से उलझ रहा है।
घटना के समय पुलिस ने यातायात को नियंत्रित करने के उद्देश्य से एक कार सवार को गाड़ी हटाने के लिए कहा था और नो पार्किंग में गाड़ी का चालान भी किया था इस पर, कार सवार व्यक्ति ने दरोगा के साथ अभद्र व्यवहार करना शुरू कर दिया। पुलिसकर्मी की शालीनता का दुरुपयोग करते हुए, आरोपी ने दरोगा को धमकी, मारपीट व अभद्र भाषा का प्रयोग किया।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने प्रकरण में कार्रवाई करते हुए उक्त के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। जिसमें महिलाओं बच्चों को प्रकरण से पृथक किया गया है।
गंगा दशहरा जैसे पवित्र पर्व में बिना लाइसेंस के असलहा को लेकर आने का कोई उचित कारण आरोपी द्वारा नहीं बताया गया।
पुलिस ने घटना के दौरान अत्यधिक संयम और पेशेवरता का परिचय दिया है। पुलिस का उद्देश्य कानून और यातायात व्यवस्था बनाए रखते हुए आमजन की सुरक्षा करना है।
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