विदेश में रहने वाले भारतीय कौवों पर जान का संकट हत्या के निर्देश।नैरोबी।

 


स.संपादक शिवाकांत पाठक।



रिपोर्ट मोहसिन अली,,केन्या सरकार देश के सभी समुद्रीय तटीय इलाकों में भारतीय कौवों की बढ़ती संख्या से बेहद परेशान है। ऐसे में सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए अगले 6 महीने में 10 लाख कौवों को मौत के घाट उतारने का आदेश जारी किया है।

केन्या सरकार के मुताबिक, बढ़ती संख्या के साथ अब ये कौवे इतने आक्रामक हो गए हैं कि दूसरे पक्षियों के घोसलों को उजाड़ देते हैं और लोगों पर भी हमला करने से नहीं चूकते। जिसके चलते देश की टूरिस्ट और होटल इंडस्ट्री को काफी नुकसान पहुंच रहा है। ऐसे में केन्या सरकार ने कौवों की बढ़ती संख्या से परेशान होकर इस साल के आखिर तक 10 लाख कौवों को मारने का फैसला लिया है। केन्या सरकार के मुताबिक ये कौवे भारतीय मूल के हैं, जोकि काफी आक्रामक हो चुके हैं और दशकों से लोगों के लिए परेशानी बने हुए हैं। 



इसके अलावा इन कौवों की वजह से स्थानीय पक्षियों की आबादी पर असर पड़ रहा है। इसको लेकर केन्या वन्यजीव सेवा ने कहा है कि भारतीय कौवे आक्रामक विदेशी पक्षी हैं। जो लुप्तप्राय स्थानीय पक्षी प्रजातियों का भी शिकार कर रहे हैं। इसके अलावा केन्याई तटीय क्षेत्र में होटल कारोबारियों और किसानों ने भी इन कौवों को लेकर आक्रोश जताया है। जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। 



ऐसा माना जाता है कि साल 1940 में काफी भारतीय कौवे पूर्वी अफ्रीका चले गए थे, जिसके बाद से वहां इन कौवों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और आक्रामक हो गए हैं। ये भारतीय कौवे केन्याई तट पर छोटे देसी पक्षियों के घोंसलों को नष्ट करने के साथ ही उनके अंडों और चूजों को खा जाते हैं।

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