सोचो,,जल आपदा से कौन बचाएगा नवोदय नगर को। दीपक नौटियाल चेयर मैन प्रतिनिधि हरिद्वार।
माननीय मुख्यमंत्री जी से नवोदय नगर की जनता की ओर से विनम्र निवेदन है कि कृपया इस भयानक गंभीर संकट से निजात दिलाने हेतु समुचित व्यवस्था लागू करें
खनन ही एक मात्र विकल्प था जो कि बंद है,, अब कौन होगा जिम्मेदार ,, भयानक जल आपदा से प्रभावित ध्वस्त मकानों या जनहानि की पूर्ति कौन करेगा,, यह बात रह रह कर उन लोगों के दिलों में कौध रही है जिन्होंने रात्रि में सामान बाहर रख कर सपरिवार सड़क पर गुजारा किया था,, उस डरावने अतीत की कल्पना मात्र से उन परिवार के लोगों की धड़कने तेज हो जाती हैं आज भी,,
कितना भयानक और डरावना था वह मंजर जब नवोदय नगर की रॉ नदी के पानी के तेज़ बहाव से मकानों की नीव बह गईं थी,, ना जानें कौन सी शक्ति उन मकानों को ढहने से बचा रही थी,,
छोटे छोटे मासूम बच्चे अपनी मां की गोद से सुबह होने का इंतजार कर रहे थे,, नवोदय नगर नदी के पानी का तेज़ बहाव समस्त नवोदय नगर वासियों की दिल की धड़कने तेज करने के लिए काफी था,,
बेहद डरावना था नदी का वह बिकराल रुप,, मौजूदा एस डी एम हरिद्वार श्री पूरण सिंह राणा ने मानवीयता पूर्ण कार्य कर जे सी वी से तत्काल नदी के बहाव की दिशा परिवर्तन हेतु प्रयास किया गया था,,लेकिन दुर्भाग्य वस उस संकट को कोई भी टाल ना सका, क्यों कि हानि लाभ जीवन मरण जस अपजस विधि हांथ,,, ऐसा ग्रंथो में शामिल है,,
इस संकट को टालने के उद्देश्य से नवोदय नगर के समाज सेवियों द्वारा जिला प्रशासन से गुहार लगाई गईं किंतु अनजान कारणों के चलते समाधान नहीं हो सका परंतु यह सत्य है की इस वर्ष मौसम विभाग द्वारा जारी एलर्ट से स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि दैवीय अपदाये, भू स्खलन,, अति वृष्टि से भारी नुकसान होने की संभावना है,,
तो फिर कौन करेगा ध्वस्त मकानों और जनहानि की भरपाई ,,
खनन का टेंडर जारी होने के बावजूद बंद होना तमाम कारणों की ओर संकेत करता है परंतु अवश्यंभावी खतरों के संकेतों को नकारा नहीं जा सकता,,
इसलिये वर्षा ऋतु से पूर्व हरिद्वार जिला प्रशासन, एवम उत्तराखंड सरकार को चाहिए कि वे समय रहते विकल्प सोचे और भयानक खतरे से निजात दिलाने हेतु समुचित व्यवस्था लागू करें,,
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