अवैध खनन मानव जीवन के लिए अभिशाप ,,मैं प्रथ्वी हूं तुम्हारी मां मुझे बचा लो वरना,,,,,?
स. संपादक शिवाकांत पाठक!
रात्रि होते ही स्टेट नदी पेंटागन मॉल के पास बड़ी बेदर्दी के साथ किया जाता है प्रथ्वी का दोहन जिम्मेदार खनन अधिकारी , एवम प्रशासनिक अधिकारी भी अपना मौन भंग नहीं करना चाहते क्यों ? जब कि जब तक प्रथ्वी है तभी तक मानव जीवन का अस्तित्व है यदि हम राष्ट्र के प्रति समर्पित हैं तो फिर सोचिए कि जब प्रथ्वी ही नहीं रहेगी तो देश कैसे रहेगा ?
हाईकोर्ट ने कहा था कि अवैध खनन व चोरी से खनन दोनों अलग-अलग अपराध हैं। अवैध खनन पर माइंस एंड मिनरल एक्ट के तहत आपराधिक कार्यवाही की जा सकती है और चोरी से अवैध खनन के अपराध पर आईपीसी के तहत पुलिस केस चलाया जा सकता है। कानून में कोई रोक नहीं है। मगर एक ही अपराध में दोहरी आपराधिक कार्यवाही नहीं कही जा सकती।
कोर्ट ने कहा कि पुलिस रिपोर्ट पर मजिस्ट्रेट संज्ञान ले सकता है और पुलिस रिपोर्ट पर अधिकृत प्राधिकारी कंप्लेंट केस कायम कर सकता है। अपराध की विवेचना का काम पुलिस का है।
कोर्ट ने कहा कि एफआईआर दर्ज करने पर माइंस एंड मिनरल एक्ट की धारा 22 रोक नहीं लगाती। कोर्ट ने कहा अवैध खनन व चोरी से खनन एक नहीं, बल्कि दो अलग-अलग अपराध हैं। कोर्ट ने कहा कि यह कहना सही नहीं है कि माइंस एंड मिनरल एक्ट की धारा 4 के उल्लंघन करने पर एक्ट के तहत ही केस चलेगा।
संसार की कल्पना करना हमारी नादानी है,,जिस प्रथ्वी का दोहन हम आज थोड़े से लालच में आकर कर रहे हैं,, या होते हुए देख रहे हैं,, कल वही पृथ्वी जिससे आपको जन्म देने वाली मां भी उत्पन्न हुई थी,, एक एक बात का जवाब मांगेगी क्यों कि जिम्मेदार लोगों ने कसम ली थी कि हम अपने देश के प्रति समर्पित रहेंगे लेकिन चंद कागज के रंग बिरंगे टुकड़ों के लिए आज खुले आम प्रथ्वी का दोहन हमारी मानवता एवम संस्कृति के लिए अभिशाप साबित हो रही है,, यदि आप कलमकार हैं तो आप पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है इस देश की अस्मिता, एकता, अखंडता,, को कायम रखते हुए,, देश का अस्तित्व बचाने हेतु कर्तव्यनिष्ठ रहने की,,,, जिसमें कि भारतीय संविधान के समस्त स्तंभ ध्रतराष्ट्र बन कर अंधे होने का नाटक कर रहे हैं वे नही जानते की प्रथ्वी से ही उनका और उनकी आने वाली पीढ़ी का जीवन है !
पृथ्वी ही हमारे लिए स्वर्ग पृथ्वी ही हमारे स्वर्ग का साकार रूप है। हमने उसी को चुनौती दे दी। इसलिए आज ना दिखने वाले संक्रमण का असर सबके सामने है। नजर नहीं आने वाले संक्रमण ने जीवन को मृत्यु में बदल दिया। विज्ञान एवं प्रकृति के दौर में कोरोना देख पाने की नजर मनुष्य के पास नहीं। मनुष्य की आचार संहिता बने और एक-दूसरे को परखे बिना जिंदगी का कदम ना बढ़ाए पृथ्वी हमारी मां है और रक्षक भी है। मनुष्य की आत्मघाती अभिलाषाएं थी, हम इतने लालची हो गए कि हमारा पानी खत्म होने लगा, पेड़-जंगल खत्म होने लगे ,,,
समाचार से प्रतिशोधित होकर की गई किसी भी तरह की फर्जी कार्यवाही भारतीय संविधान के चौथे स्तंभ की स्वतंत्रता का हनन साबित होगी इसलिए राष्ट्र हित में समर्पित होकर अवैध कार्यों के विरुद्ध कार्यवाही अमल में लाना ही देश भक्ति का उदाहरण होगा !
विशेष अनुरोध,, प्रशासन से मांग है कि राष्ट्र हित में अवैध खनन पर रोक लगाते हुए शख्त कार्यवाही अमल में लाई जाए ताकि खनन माफियाओं को सबक मिल सके साथ ही देश की धरती की रक्षा हो सके ,,, यह भी चिन्हित किया जाए कि खनन माफिया कौन हैं,,,,,
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