पत्रकार का पैग़ाम भुवन भास्कर सूर्य देवता के नाम!
संपादक शिवाकांत पाठक!
अपनी देदीप्यमान प्रखर किरणों से संसार को प्रकाशित करने वाले प्रत्यक्ष देवता भगवान सूर्य के चरणों में मेरा कोटि कोटि नमन ,, हे नक्षत्रों के सम्राट विराट शक्ति संपन्न सूर्य देव एक सवाल मेरे मन मस्तिष्क में बार बार जन्म ले रहा है जिसका उत्तर आप ही दीजिए महराज ,, सवाल छोटा ही सही परन्तु महत्वपूर्ण है ,, भगवान आप यह बताएं कि सम्पूर्ण विश्व को एक क्षण में भस्म करने की शक्ति रखने वाली आपकी प्रखर किरणों को आज तुषारापात कैसे हो गया ,, घने कोहरे की शीतलता ने आज आप की भयंकर प्रचंड गर्मी को कैसे आच्छादित कर दिया प्रभु आप तो महावीर हनुमान के गुरु हैं की किरणों के वेग को तो आज तक कोई भी सहन नहीं कर सका
लेकिन कई दिनों से आपका दर्शन न होना भी दुनियां के सामने बहुत बड़ा आश्चर्य साबित हो रहा है,, प्रभु माना कि भगवान शंकर के रुद्र अवतार वीर हनुमान जी ने केवल पंद्रह दिन की आयु में आपको अपने मुख मंडल में एक फल समझ कर रख लिया था ,, लेकिन वे तो साक्षात भगवान शिव के स्वरूप थे प्रभु ,, आज तो ऐसा कुछ भी नहीं है छोटी छोटी ओस की नन्ही बूंदे आप के अस्तित्व पर खतरा साबित हों यह कैसे संभव हो सकता है भगवान आप को तो वेदों में प्रभाकर,, दिनकर,, दिवाकर आदि तमाम श्रेष्ठ नामों से पुकारा गया है फिर आज आप की प्रलय कारी महा भयानक प्रचंड अग्नि स्वरूप किरणों को क्या हो गया है प्रभु,,? कुछ तो बताएं आप चुप क्यों हैं भुवन भास्कर सूर्य देवता मैं तो प्रथ्वी लोक में एक छोटा सा पत्रकार हूं ,, खबरों का आदान प्रदान करना मेरा परम कर्तव्य है आम जनमानस के अंतर्मन में छिपी पीड़ा को लेकर बेहद व्यथित मन से अपनी लेखनी के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास कर रहा हूं प्रभु,, आप की शक्ति पराक्रम से कौन परिचित नहीं है देव,, असुर, गंधर्व सभी आपकी प्रचंड अग्नि से परिचित हैं तो फिर थोड़ा सा रहम प्रथ्वी में रहने वाले गरीबों पर भी कीजिए नांथ बस आप की प्रखर किरणों की थोड़ी सी झलक तमाम गरीबों के जीवन को बचाने के लिए पर्याप्त हैं भगवान ,, मैं पुन: प्रथ्वी वासियों की ओर से आपसे दोनों हांथ जोड़ कर निवेदन करता हूं प्रभु गहन कोहरे का विनाश कर अपने दर्शन दीजिए प्रभु आपको पुन: कोटि कोटि प्रणाम यदि मेरी लेखनी से कोई भी अवज्ञा हुई हो तो उसे क्षमा करें प्रभु 🙏🙏🙏🙏
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